क्या कैंसर सर्वाइवर छवि मित्तल ने साझा किया डरावना अनुभव?
सारांश
Key Takeaways
- कैंसर सर्वाइवर होने का अनुभव कठिन होता है।
- छवि मित्तल ने अपने अनुभवों को साझा किया है।
- स्वास्थ्य और जीवनशैली के प्रति जागरूकता महत्वपूर्ण है।
- एक सकारात्मक दृष्टिकोण से कठिनाइयों का सामना किया जा सकता है।
- छवि मित्तल एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं।
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। टीवी अभिनेत्री और सोशल मीडिया पर स्वास्थ्य तथा आहार के प्रति लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करने वाली छवि मित्तल एक प्रसिद्ध नाम बन चुकी हैं। उन्हें साल 2022 में अपने ब्रेस्ट कैंसर का पता चला था। लंबे संघर्ष के बाद, अब वह कैंसर मुक्त हैं, लेकिन आज भी उन पुराने अनुभवों से भयभीत हो जाती हैं।
छवि मित्तल ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट साझा किया है, जिसमें उन्होंने अपने एमआरआई स्कैन के अनुभव को साझा किया है। वीडियो में वह बताती हैं कि उन्हें ब्रेस्ट एमआरआई स्कैन के लिए जाना था और इस दौरान पुरानी यादें, दुख और दर्द दोनों ताजा हो गए। उन्होंने कहा, "मुझे डर लग रहा था, लेकिन हर बार की तरह मैंने अपनी मुस्कान के पीछे इसे छिपा लिया।" छवि को सबसे अधिक डर केनुला से लगता है। उन्होंने बताया कि नसें पतली होने की वजह से डर और दर्द दोनों ही बढ़ जाते हैं।
वीडियो में उन्होंने कहा, "सबसे ज्यादा डर केनुला लगाते वक्त लगता था और आज भी मैं इससे डरती हूं। कुछ समय के बाद एमआरआई हुआ और रिपोर्ट सामान्य नहीं थी…फिर 15 दिन बाद पुनः एमआरआई के लिए बुलाया गया, लेकिन ये 15 दिन मेरे लिए काटना मुश्किल था।"
यह वीडियो साबित करता है कि एक कैंसर सर्वाइवर के रूप में छवि ने बहुत कुछ सहा है और आज भी उन यादों को सोचकर वह सिहर जाती हैं।
छवि ने वीडियो के कैप्शन में लिखा, "कुछ अनुभव कभी आसान नहीं होते, चाहे आप कितने भी मजबूत क्यों न हों। एक कैंसर सर्वाइवर के तौर पर सामान्य एमआरआई भी मुश्किल बन जाता है।"
गौरतलब है कि छवि मित्तल कैंसर सर्वाइवर के रूप में लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करती हैं। वह अपने सोशल मीडिया पर स्वास्थ्य प्रबंधन, अच्छे जीवनशैली और स्वस्थ खाने पर जोर देती हैं। छवि कैंसर से मुक्त होने की यात्रा में खाई गई कई व्यंजनों की रेसिपी भी साझा करती हैं।
छवि मित्तल सिर्फ एक टीवी अभिनेत्री नहीं हैं, बल्कि उन्होंने हिंदुस्तानी क्लासिकल म्यूजिक (वोकल) में एमए भी किया है और अपनी आवाज में कई गाने रिकॉर्ड किए हैं। अब वह अपना खुद का एसआईटी नाम का चैनल चलाती हैं और शॉर्ट फिल्म तथा सीरीज बनाती हैं। इसके साथ ही, वह एक कैंसर एक्टिविस्ट भी हैं, जो ग्रामीण स्कूलों में जाकर बच्चियों को जागरूक करती हैं।