क्या 2025 की पहली छमाही में भारत का वेयरहाउसिंग किराया स्थिर रहेगा?

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क्या 2025 की पहली छमाही में भारत का वेयरहाउसिंग किराया स्थिर रहेगा?

सारांश

नई दिल्ली में एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में भारत के प्रमुख शहरों में वेयरहाउसिंग का किराया स्थिर रहने की संभावना है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि किराया 18 से 31 रुपए प्रति वर्ग फुट के बीच रहा है, जो बाजार की स्थिरता को दर्शाता है।

Key Takeaways

  • भारत के सात प्रमुख शहरों में किराया स्थिर है।
  • पुणे में सबसे अधिक किराया 31 रुपए प्रति वर्ग फुट है।
  • रिपोर्ट ने 2025 की पहली छमाही में निवेश में गिरावट का संकेत दिया है।
  • हैदराबाद में किराया 19 रुपए प्रति वर्ग फुट पर स्थिर रहा।
  • बेंगलुरु में मांग में वृद्धि के बावजूद किराया में कमी देखी गई है।

नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस) । 2025 की पहली छमाही में 18.9 मिलियन वर्ग फुट का मजबूत अब्सोर्प्शन देखने को मिला, फिर भी भारत के सात प्रमुख शहरों में औसत किराया काफी हद तक स्थिर रहा। यह किराया 18 से 31 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह के बीच दर्ज किया गया। यह जानकारी शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट में प्रस्तुत की गई।

वर्कप्लेस सॉल्यूशन फर्म वेस्टियन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पुणे में सबसे अधिक किराया 31 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह है, जो थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स (3पीएल), ऑटोमोटिव, इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की उच्च मांग के कारण है।

रिपोर्ट के अनुसार, पुणे में छमाही आधार पर 34 प्रतिशत और सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है, जो मुख्यतः खेड़ और चाकन जैसे प्रमुख उप-बाजारों में उच्च-मूल्य के लेनदेन के कारण है।

भूमि की सीमित उपलब्धता के कारण भूमि मूल्य में वृद्धि हुई है, जिससे कुल लेन-देन मूल्य में और अधिक बढ़ोतरी हुई है।

रिपोर्ट में उल्लेख है कि दूसरी ओर, मुंबई में सबसे कम किराया 18 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह रहा, जबकि 2024 की दूसरी छमाही की तुलना में 2025 की पहली छमाही में किराए में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। एक साल पहले इसी अवधि की तुलना में इसमें 2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

किराए में समग्र स्थिरता का श्रेय संतुलित मांग-आपूर्ति गतिशीलता को दिया जा सकता है, जिसे नई आपूर्ति वृद्धि का समर्थन प्राप्त है।

रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद में किराया 2025 की पहली छमाही में 19 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह पर स्थिर रहा, जिसमें 1 प्रतिशत की मामूली वार्षिक वृद्धि देखी गई।

इसके विपरीत, बेंगलुरु में मांग में वृद्धि के बावजूद 5 प्रतिशत की वार्षिक गिरावट दर्ज की गई, जो 19 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह तक पहुँच गई।

वेस्टियन के सीईओ, श्रीनिवास राव ने कहा, "हालांकि 2025 की पहली छमाही में निवेश में गिरावट देखी गई, लेकिन प्रमुख बाजारों में मजबूत मांग, मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार और सस्टेनेबल तथा तकनीक-सक्षम समाधानों पर जोर दीर्घकालिक विकास का संकेत है।"

इस बीच, रिपोर्ट में बताया गया है कि 2025 की पहली छमाही में चेन्नई में किराया 25 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह रहा, जिसमें छमाही आधार पर 3 प्रतिशत और वार्षिक आधार पर 2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

एनसीआर में किराए में सालाना 10 प्रतिशत और 2024 की दूसरी छमाही में 4 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई है, जो 2025 में 21 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह तक पहुँच गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, इस गिरावट का कारण शहर के औसत किराए से कम दरों पर लीजिंग का एक बड़ा हिस्सा, लगभग 60 प्रतिशत दर्ज किया जाना हो सकता है। इसी समय, कोलकाता में किराया मूल्य 21 रुपए प्रति वर्ग फुट प्रति माह है, जो सीमित अब्सोर्प्शन गतिविधि के बावजूद, 1 प्रतिशत की मामूली अर्धवार्षिक गिरावट लेकिन 8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्शाता है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारतीय वेयरहाउसिंग बाजार में स्थिरता एक सकारात्मक संकेत है। यह निरंतरता निवेशकों और व्यवसायों को विश्वास दिला सकती है कि बाजार में विकास की संभावनाएं बनी रहेंगी।
NationPress
08/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत में वेयरहाउसिंग किराया किस तरह से प्रभावित हो रहा है?
भारत में वेयरहाउसिंग किराया मूलतः मांग और आपूर्ति के संतुलन पर निर्भर करता है। हाल ही में रिपोर्ट में स्थिरता का संकेत मिलता है।
पुणे में किराया क्यों अधिक है?
पुणे में किराया अधिक होने का कारण थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स और अन्य उद्योगों की उच्च मांग है।