क्या केंद्र सरकार ने बीते 9 वर्षों में 4 लाख से अधिक बैकलॉग रिक्तियों को भरा?

सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार ने 4.8 लाख बैकलॉग रिक्तियों को भरा।
- अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण दिया गया।
- दिव्यांगजनों के लिए भी आरक्षण का प्रावधान है।
- 16वें रोजगार मेले में 51,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए।
- युवाओं को अपने करियर को विकसित भारत के लक्ष्य से जोड़ने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी है कि केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ने पिछले 9 वर्षों में (2016 से) लगभग 4.8 लाख बैकलॉग रिक्तियों को सफलतापूर्वक भरा है।
उन्होंने राज्यसभा में दिए गए एक लिखित उत्तर में बताया कि मंत्रालयों में रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया एक निरंतर प्रक्रिया है और यह हमेशा चलती रहती है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों को समय-समय पर रिक्त पदों को समयबद्ध तरीके से भरने की सलाह दी गई है।
जितेंद्र सिंह के अनुसार, केंद्रीय सेवाओं में प्रतियोगिता के माध्यम से सीधी भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जातियों को 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों को 7.5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है।
इसके अलावा, पदोन्नति में अनुसूचित जातियों को 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों को 7.5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है।
दिव्यांगजनों के लिए, सीधी भर्ती और पदोन्नति दोनों में 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।
सिंह ने कहा, "रिक्तियों और भरे गए पदों की जानकारी संबंधित मंत्रालयों, विभागों और संगठनों द्वारा संचित की जाती है।"
इसके अतिरिक्त, जुलाई के मध्य में केंद्र सरकार ने 16वां रोजगार मेलानरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 51,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र वितरित किए।
यह नव-नियुक्त युवा रेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय, डाक विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, वित्तीय समावेशन और औद्योगिक विकास जैसे क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देंगे।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, "विभाग भले ही अलग हों, लेकिन आपका उद्देश्य एक ही है - राष्ट्र सेवा। आप रेलवे में दायित्व निभाएं, देश की सुरक्षा करें, डाक सेवाओं को गांव-गांव पहुंचाएं या स्वास्थ्य मिशन का हिस्सा बनें, आपका लक्ष्य विकसित भारत के निर्माण में योगदान देना है।"
पीएम ने कहा कि अगले 20-25 वर्ष भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं और युवाओं को अपने करियर को विकसित भारत के लक्ष्य के साथ जोड़ना चाहिए। उन्होंने हाल की अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले दशक में 90 करोड़ से अधिक नागरिकों को कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा गया, जिससे न केवल सामाजिक सुरक्षा बढ़ी, बल्कि लाखों नए रोजगार भी सृजित हुए।