क्या केंद्र ने पीएमयूवाई उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी सब्सिडी वित्त वर्ष 2025-26 तक बढ़ाई?

सारांश
Key Takeaways
- पीएमयूवाई योजना के तहत 12,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी का ऐलान।
- 14.2 किलो वाले 9 सिलेंडरों पर प्रति रिफिल 300 रुपये की सब्सिडी।
- 2025-26 तक योजना का विस्तार।
- दिसंबर 2023 तक लगभग 10.33 करोड़ कनेक्शन।
- महिलाओं के जीवन में सुधार लाने का प्रयास।
नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट समिति ने 12,000 करोड़ रुपए की लागत से वित्त वर्ष 2025-26 तक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी को मंजूरी दी है।
पीएमयूवाई के अंतर्गत, लाभार्थियों को एक वर्ष में 14.2 किलो के 9 एलपीजी सिलेंडर पर 300 रुपए प्रति रिफिल की सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाती है।
पीएमयूवाई का शुभारंभ मई 2016 में देश के गरीब परिवारों की महिलाओं को बिना किसी जमा राशि के एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया था। 1 जुलाई, 2025 तक, देश में लगभग 10.33 करोड़ पीएमयूवाई कनेक्शन उपलब्ध हैं।
सभी पीएमयूवाई लाभार्थियों को बिना किसी जमा राशि के एलपीजी कनेक्शन मिलता है, जिसमें सिलेंडर, प्रेशर रेगुलेटर, पाइप, घरेलू गैस उपभोक्ता कार्ड बुकलेट और इंस्टॉलेशन चार्ज शामिल होता है।
उज्ज्वला 2.0 की मौजूदा व्यवस्था के अनुसार, सभी लाभार्थियों को पहला रिफिल और चूल्हा भी निःशुल्क प्रदान किया जाता है। पीएमयूवाई लाभार्थियों को एलपीजी कनेक्शन, पहले रिफिल या चूल्हे के लिए कोई भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इनका खर्च केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों के माध्यम से वहन किया जाता है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के उपभोक्ताओं के लिए रसोई गैस को और अधिक किफायती बनाने हेतु लक्षित सब्सिडी के अंतर्गत, सरकार ने मई 2022 में पीएमयूवाई उपभोक्ताओं के लिए प्रति वर्ष 12 रिफिल तक 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर 200 रुपए की लक्षित सब्सिडी शुरू की थी।
इस योजना का उद्देश्य पीएमयूवाई लाभार्थियों को एलपीजी की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तीव्र उतार-चढ़ाव के प्रभाव से बचाना है, क्योंकि भारत की एलपीजी आवश्यकता का 60 प्रतिशत आयात के माध्यम से पूरा होता है।
अक्टूबर 2023 में, सरकार ने लक्षित सब्सिडी को बढ़ाकर प्रति वर्ष 12 रिफिल तक 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर 300 रुपये कर दिया।
पीएमयूवाई उपभोक्ताओं की औसत प्रति व्यक्ति खपत (पीसीसी), जो 2019-20 में केवल लगभग 3 रिफिल और 2022-23 में 3.68 रिफिल थी, वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान लगभग 4.47 रिफिल तक बढ़ गई है, जो योजना की सफलता को दर्शाती है।