क्या भारत में 2024 में कैंसर के मामले 15 लाख से अधिक हो गए?

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क्या भारत में 2024 में कैंसर के मामले 15 लाख से अधिक हो गए?

सारांश

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने संसद में खुलासा किया कि भारत में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 2024 में अनुमानित 15 लाख से अधिक मामलों की संख्या चिंताजनक है। यह स्थिति स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और स्क्रीनिंग तकनीकों की उपलब्धता में सुधार को दर्शाती है।

Key Takeaways

  • 2024 में कैंसर के मामले 15.3 लाख तक पहुँच सकते हैं।
  • कैंसर से 8.2 लाख मौतों का अनुमान है।
  • तंबाकू और शराब का सेवन कैंसर के मुख्य कारक हैं।
  • सरकार ने एनपी-एनसीडी कार्यक्रम शुरू किया है।
  • स्वास्थ्य जागरूकता में सुधार जरूरी है।

नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को संसद में बताया कि 2024 में भारत में कैंसर के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जाधव ने देश में कैंसर के बढ़ते मामलों की जानकारी दी।

जाधव ने कहा, "भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (आईसीएमआर-एनसीआरपी) के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में देश में कैंसर के मामलों की अनुमानित संख्या 15,33,055 है।"

कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 2019 में 13.5 लाख से बढ़कर 2024 में यह आंकड़ा 15.3 लाख हो गया है। 2020 में 13.9 लाख मामले आए थे। जाधव ने यह भी कहा, "2023 में कैंसर से 8.2 लाख मरीजों की मृत्यु होने का अनुमान है, जो 2019 के बाद से सबसे अधिक है।"

उन्होंने बताया कि अनुमानित कैंसर मरीजों की संख्या में वृद्धि का मुख्य कारण कैंसर का पता लगाने के लिए बेहतर स्क्रीनिंग तकनीकों की उपलब्धता, जीवन प्रत्याशा में वृद्धि, वृद्ध जनसंख्या का बढ़ता हिस्सा, और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता में सुधार है।

मंत्री ने यह भी कहा कि "कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) से जुड़े पारंपरिक जोखिम कारकों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिनमें कैंसर भी शामिल है।"

इसके मुख्य कारक हैं जैसे तंबाकू और शराब का सेवन, अपर्याप्त शारीरिक गतिविधियां, अस्वास्थ्यकर आहार, अधिक नमक, चीनी और संतृप्त वसा का सेवन आदि।

इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) शुरू किया है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एकीकृत दृष्टिकोण के माध्यम से सामान्य गैर-संचारी रोगों के जोखिम कारकों की रोकथाम और नियंत्रण करना है।

जाधव ने कहा, "इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य संवर्धन, शीघ्र निदान, प्रबंधन और मामलों के रेफरल के साथ-साथ बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। रोकथाम, शीघ्र निदान, सस्ता इलाज, पुनर्वास, जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन के लिए स्वास्थ्य सेवा के विभिन्न स्तरों पर क्षमता निर्माण प्रदान किया जाएगा।"

Point of View

कैंसर के बढ़ते मामलों की समस्या देश के स्वास्थ्य ढांचे के लिए एक बड़ा खतरा है। यह आवश्यक है कि सरकार और समाज मिलकर जागरूकता बढ़ाएं और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारें।
NationPress
08/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत में 2024 में कैंसर के मामलों की संख्या कितनी है?
2024 में भारत में कैंसर के मामलों की अनुमानित संख्या 15,33,055 है।
कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या कितनी है?
2023 में कैंसर से 8.2 लाख मरीजों की मृत्यु होने का अनुमान है।
कैंसर के बढ़ते मामलों के मुख्य कारण क्या हैं?
मुख्य कारणों में तंबाकू और शराब का सेवन, अस्वास्थ्यकर आहार और वृद्ध आबादी का बढ़ता हिस्सा शामिल हैं।
सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए क्या कदम उठाए हैं?
सरकार ने राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) शुरू किया है।
कैंसर के मामलों की स्क्रीनिंग कैसे की जाती है?
कैंसर का पता लगाने के लिए बेहतर स्क्रीनिंग तकनीकों की पहुँच और उपलब्धता को बढ़ाया गया है।