क्या भारतीय गिफ्टिंग स्टार्टअप्स ने 10 वर्षों में 11.6 करोड़ डॉलर का फंड जुटाया?

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क्या भारतीय गिफ्टिंग स्टार्टअप्स ने 10 वर्षों में 11.6 करोड़ डॉलर का फंड जुटाया?

सारांश

भारतीय गिफ्टिंग स्टार्टअप्स ने पिछले 10 वर्षों में 11.59 करोड़ डॉलर का फंड जुटाया है। यह रिपोर्ट दर्शाती है कि गिफ्टिंग उद्योग में स्थिरता और नवाचार की आवश्यकता है। जानिए इस क्षेत्र की वृद्धि और चुनौतियों के बारे में।

Key Takeaways

  • भारतीय गिफ्टिंग स्टार्टअप्स ने 11.59 करोड़ डॉलर का फंड जुटाया।
  • गिफ्टिंग उद्योग में स्थिरता और नवाचार की आवश्यकता है।
  • सरकार द्वारा स्टार्टअप्स के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं।
  • गिफ्टिंग व्यवहार में परिवर्तन को ध्यान में रखा गया है।
  • ग्लोबल स्टार्टअप्स की फंडिंग में कमी आई है।

नई दिल्ली, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत के गिफ्टिंग स्टार्टअप्स ने पिछले एक दशक में 11.59 करोड़ डॉलर का फंड जुटाया है, जो स्थिर और संतोषजनक वृद्धि का संकेत देता है। यह जानकारी गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में बताई गई।

डेटा इंटेलिजेंस फर्म ट्रैक्सन टेक्नोलॉजीज की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर गिफ्टिंग स्टार्टअप्स ने 2015 से अब तक 1.7 अरब डॉलर जुटाए हैं। 2025 तक गिफ्टिंग व्यवसाय में फंडिंग गतिविधि विश्व स्तर पर और भारत में धीमी रही है।

2025 में फंडिंग हासिल करने वाली एकमात्र भारतीय फर्म, 'इंडिगिफ्ट्स' थी, जिसने एंजेल राउंड में 57,600 डॉलर जुटाए। भारतीय गिफ्टिंग फर्मों ने 2024 में 13 लाख डॉलर और 2023 में 3.27 करोड़ डॉलर जुटाए।

कोरोना महामारी के बाद गिफ्टिंग व्यवहार में बदलाव के कारण 2022 में इस क्षेत्र में अधिकतम फंडिंग गतिविधि देखी गई।

भारतीय स्टार्टअप्स ने 6.39 करोड़ डॉलर जुटाए, जो उनका अब तक का सर्वाधिक वार्षिक कुल है।

ग्लोबल स्टार्टअप्स ने भी 2022 में 559 मिलियन डॉलर जुटाकर अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। हालांकि, इसके बाद के वर्षों में यह गति धीमी हो गई, क्योंकि निवेशकों ने सस्टेनेबल, पूंजी-कुशल व्यवसायों को प्राथमिकता देना शुरू किया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि गिफ्टिंग उद्योग मुख्यतः ऑफलाइन, अवसर-आधारित बाजार से तकनीक-सक्षम, अनुभव-केंद्रित क्षेत्र में बदल चुका है।

दुनिया भर में उपहार देने वाले स्टार्टअप्स ने 2025 में चार फंडिंग राउंड में 66.2 मिलियन डॉलर जुटाए हैं।

2024 में, वैश्विक फंडिंग 99.8 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई, जो सालाना आधार पर 54 प्रतिशत कम है। निवेशक सतर्क हैं और लाभप्रदता को प्राथमिकता दे रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका स्थित रेज ने 220 मिलियन डॉलर जुटाए, जिससे वह ऑनलाइन गिफ्ट कार्ड बाजार में सबसे अधिक फंडिंग पाने वाला प्लेयर बन गया। सऊदी अरब स्थित फ्लावर गिफ्टिंग प्लेटफॉर्म, फ्लोवर्ड, 190.2 मिलियन डॉलर की फंडिंग के साथ दूसरे स्थान पर है।

ट्रैक्सन की सह-संस्थापक नेहा सिंह ने कहा, "गिफ्टिंग और रिवार्ड सेक्टर चुपचाप एक वैश्विक रूप से प्रासंगिक, नवाचार-आधारित श्रेणी में विकसित हो गया है। भारत, जो अभी भी परिपक्व हो रहा है, मजबूत, फाउंडर-लेड गिफ्टिंग उद्योगों का एक मजबूत आधार बना चुका है जो डिजिटल-फर्स्ट ब्रांडिंग और संचालन दक्षता में नए मानक स्थापित कर रहे हैं।"

'स्टार्टअप इंडिया' पहल के तहत, सरकार तीन प्रमुख योजनाओं - एफएफएस, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस) और स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम (सीजीएसएस) को लागू कर रही है, ताकि स्टार्टअप्स को उनके व्यवसाय चक्र के विभिन्न चरणों में सहायता मिल सके।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारतीय गिफ्टिंग स्टार्टअप्स ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। ये स्टार्टअप्स न केवल भारतीय बाजार में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक स्थायी और सशक्त उद्योग का निर्माण कर रहे हैं। हमें इनकी सफलता और विकास को देखने की आवश्यकता है।
NationPress
07/08/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय गिफ्टिंग स्टार्टअप्स ने कितनी फंडिंग जुटाई है?
भारतीय गिफ्टिंग स्टार्टअप्स ने पिछले एक दशक में 11.59 करोड़ डॉलर का फंड जुटाया है।
गिफ्टिंग उद्योग में 2022 की फंडिंग गतिविधि कैसी रही?
2022 में गिफ्टिंग क्षेत्र में सबसे अधिक फंडिंग गतिविधि देखी गई।
क्या भारतीय गिफ्टिंग स्टार्टअप्स के लिए सरकार द्वारा कोई योजना है?
हाँ, 'स्टार्टअप इंडिया' पहल के तहत कई योजनाएं लागू की गई हैं।
गिफ्टिंग उद्योग की वर्तमान स्थिति क्या है?
गिफ्टिंग उद्योग तकनीक-सक्षम और अनुभव-केंद्रित जगह में बदल रहा है।
2025 तक गिफ्टिंग बिजनेस में क्या संभावनाएं हैं?
2025 तक गिफ्टिंग बिजनेस में फंडिंग गतिविधि धीमी रहने की उम्मीद है।