क्या नाशपाती पाचन से जुड़ी बीमारियों का काल है? जानें इसके फायदे और नुकसान
सारांश
Key Takeaways
- नाशपाती में फाइबर की उच्च मात्रा होती है।
- यह हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
- नाशपाती का सेवन सीमित मात्रा में करें।
- ये प्राकृतिक शुगर के साथ कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला फल है।
- नाशपाती में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर की कोशिकाओं की रक्षा करते हैं।
नई दिल्ली, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मौसमी फलों का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। अनार रक्त की मात्रा बढ़ाता है, जबकि पपीता पेट को साफ करने में मदद करता है। ऐसे ही गुणों से भरपूर एक फल है नाशपाती, जिसके सेवन से पाचन, हृदय और मधुमेह से जुड़ी समस्याओं को कम किया जा सकता है। आज हम नाशपाती के फायदों और नुकसान के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
नाशपाती को आयुर्वेद में 'अमृतफल' या 'अमरफल' कहा जाता है, जिसकी तासीर ठंडी होती है। इसमें फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर को कई तरह के संक्रमण और रोगों से लड़ने की क्षमता देते हैं। इससे पाचन ठीक होता है, वजन कम होता है, सूजन घटती है, हृदय का कार्य बेहतर होता है और रक्त में शर्करा की मात्रा भी संतुलित रहती है। हालांकि, जिन लोगों को सर्दी, जुकाम या बुखार है, उन्हें नाशपाती का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है, जो कफ की समस्या को बढ़ा सकती है।
नाशपाती में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं और उन्हें पुनः ऊर्जा से भरने में मदद करते हैं। इसे खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है और वजन भी नियंत्रित रहता है।
यह फल फाइबर से समृद्ध है, जिससे पेट में कब्ज नहीं होता और विषैले पदार्थ आसानी से शरीर से निकल जाते हैं। इसके अलावा, नाशपाती हृदय से जुड़े जोखिम को भी कम करता है। यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में सहायक है।
हालांकि नाशपाती में प्राकृतिक शुगर होने के बावजूद इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स अन्य फलों की तुलना में कम होता है, जिससे रक्त में शुगर की मात्रा नियंत्रित रहती है। यह मस्तिष्क को आराम देने और मन को शांति प्रदान करता है। नाशपाती में सूजन और एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो शरीर की सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं। इसके साथ ही, यह शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित करता है।
ध्यान रखें, नाशपाती का सेवन सीमित मात्रा में ही करें, क्योंकि अधिक मात्रा में इसके सेवन से पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।