क्या बांग्लादेश में रंगदारी का लाइव खुलासा करने वाले पत्रकार की हत्या हुई?

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क्या बांग्लादेश में रंगदारी का लाइव खुलासा करने वाले पत्रकार की हत्या हुई?

सारांश

बांग्लादेश में एक पत्रकार की हत्या ने मीडिया जगत में हड़कंप मचा दिया है। असदुज्जमां तुहिन ने रंगदारी वसूली का लाइव प्रसारण किया था, जिसके बाद उनकी हत्या हुई। यह घटना पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है और बांग्लादेश में बढ़ते हमलों का एक और उदाहरण है।

Key Takeaways

  • एक पत्रकार की हत्या ने बांग्लादेश में सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठाए हैं।
  • सोशल मीडिया पर रंगदारी का लाइव प्रसारण करना खतरनाक साबित हुआ।
  • पुलिस की जांच जारी है, लेकिन पत्रकारों के खिलाफ हमलों में वृद्धि हो रही है।
  • अवामी लीग के शासनकाल में पत्रकारों पर अत्याचार बढ़े हैं।
  • पत्रकारिता की स्वतंत्रता की रक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है।

ढाका, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में पत्रकारों पर बढ़ते हमलों के बीच एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। गाजीपुर जिले के चंदना चौरास्ता क्षेत्र में 'डेली प्रतिदिनेर कागोज' के रिपोर्टर असदुज्जमां तुहिन की गुरुवार रात को धारदार हथियारों से हमला कर हत्या कर दी गई। तुहिन ने इससे कुछ घंटे पहले सोशल मीडिया पर इलाके में दुकानदारों और ठेलेवालों से हो रही रंगदारी वसूली का लाइव प्रसारण किया था।

38 वर्षीय तुहिन की हत्या का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे मीडिया जगत में आक्रोश फैल गया है।

गाजीपुर मेट्रोपॉलिटन पुलिस के उपायुक्त रबीउल हसन ने बांग्लादेश के प्रमुख अखबार 'प्रथम आलो' को बताया, "घटना की कुछ वीडियो फुटेज हमारे पास हैं और कुछ अहम सुराग भी मिले हैं। हमने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान शुरू कर दिया है। एक पत्रकार की इतनी निर्मम हत्या बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।"

पुलिस के अनुसार, घटना की शुरुआत एक महिला से जुड़े विवाद के बाद बदशा मिया नामक व्यक्ति पर हमला होने से हुई। पत्रकार तुहिन ने इस हमले का वीडियो बनाना शुरू किया, जिससे नाराज होकर हमलावरों ने तुहिन पर धारदार हथियारों से कई वार कर दिए और मौके पर ही उनकी जान ले ली।

स्थानीय चश्मदीदों के अनुसार, हमलावरों के एक समूह ने तुहिन पर अचानक हमला किया और उसकी हत्या कर दी। एक दुकानदार खैरुल इस्लाम ने बताया, "मैं अपनी दुकान में बैठा था तभी तुहिन दौड़ते हुए अंदर आया। उसके पीछे तीन लोग आए और उसे मौत के घाट उतार दिया। दो अन्य लोग बाहर निगरानी कर रहे थे। जब मैंने रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने मुझे भी जान से मारने की धमकी दी। वहां मौजूद किसी ने भी मदद नहीं की।"

इससे एक दिन पहले बुधवार को भी गाजीपुर के सहापाड़ा क्षेत्र में 'बांग्लादेशेर आलो' के रिपोर्टर अनवर हुसैन सौरव पर भी रंगदारी की जांच के दौरान हमला हुआ था। वह ई-रिक्शा और सीएनजी ऑटो चालकों से वसूली की रिपोर्टिंग कर रहे थे। बताया गया कि पुलिस की मौजूदगी में उन पर हमला किया गया। सौरव की हालत गंभीर है और उनका इलाज शहीद ताजुद्दीन अहमद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है।

पिछले महीने, अवामी लीग ने दावा किया था कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के शासनकाल में पत्रकारों के खिलाफ अत्याचार, हत्या और उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं।

अवामी लीग ने बताया कि अब तक 412 पत्रकारों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं, 39 पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें से कई को जमानत या सुनवाई भी नहीं मिली। 1000 से अधिक पत्रकारों को नौकरी से निकाल दिया गया है, 168 प्रेस कार्ड रद्द किए गए हैं, 101 प्रेस क्लब सदस्यताएं समाप्त की गई हैं, 100 से अधिक बैंक खातों को फ्रीज किया गया है, 300 से अधिक पत्रकारों पर विदेश यात्रा प्रतिबंध है और कम से कम 10 पत्रकारों की हत्या हो चुकी है, जिनमें अब तक किसी को न्याय नहीं मिला है।

Point of View

बल्कि यह एक सम्पूर्ण समाज की आवाज़ को दबाने का प्रयास है। हमें चाहिए कि हम सभी मिलकर ऐसे हमलों का विरोध करें और पत्रकारिता की स्वतंत्रता की रक्षा करें।
NationPress
08/08/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश में पत्रकारों पर हमले क्यों बढ़ रहे हैं?
बांग्लादेश में पत्रकारों पर हमले बढ़ने के कई कारण हैं, जिनमें राजनीतिक दबाव, भ्रष्टाचार का खुलासा और रंगदारी वसूली की रिपोर्टिंग शामिल हैं।
क्या सरकार पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है?
सरकार ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जो सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं।
इस हत्या के पीछे कौन हो सकता है?
इस हत्या के पीछे रंगदारी वसूली से जुड़े अपराधी समूहों का हाथ हो सकता है, जो पत्रकारों द्वारा की गई रिपोर्टिंग से नाराज थे।
क्या इस मामले में न्याय मिलेगा?
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन पत्रकारों की हत्या के मामलों में न्याय मिलना अक्सर मुश्किल होता है।
बांग्लादेश में पत्रकारिता का भविष्य क्या है?
बांग्लादेश में पत्रकारिता का भविष्य अनिश्चित है, लेकिन पत्रकारों को अपनी जिम्मेदारी निभाते रहना चाहिए और सच्चाई का सामना करना चाहिए।