क्या राहुल गांधी को एसआईआर नहीं, एफआईआर समझ में आता है? सांसद अरुण भारती

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- अरुण भारती का कहना है कि राहुल को एफआईआर का मतलब समझ में आता है।
- चुनाव आयोग की प्रक्रिया को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश हैं।
- राहुल ने चुनाव आयोग से 5 सवाल पूछे हैं।
- भारत का लोकतंत्र बेशकीमती है।
पटना, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर मतदान चोरी करने का गंभीर आरोप लगाया है। इस पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद अरुण भारती ने प्रतिक्रिया दी है।
लोजपा (रामविलास) के सांसद अरुण भारती ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की संवैधानिक प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग ने स्पष्ट दिशा निर्देश दे रखा है, लेकिन कांग्रेस के राहुल गांधी मीडिया में बने रहने के लिए लगातार गलत बयानबाजी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी के पास कोई प्रमाण है तो उन्हें चुनाव आयोग के पास जाकर औपचारिक शिकायत करनी चाहिए और इसका निवारण कराना चाहिए। लोजपा सांसद ने आगे कहा कि राहुल गांधी पर कई भ्रष्टाचार के आरोप हैं, इसलिए उन्हें एसआईआर नहीं, बल्कि एफआईआर समझ में आता है।
इससे पहले राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग मुझसे हलफनामा मांगता है। वह कहता है कि मुझे शपथ लेनी होगी। मैंने संसद में संविधान की शपथ ली है। आज जब देश की जनता हमारे डेटा को लेकर सवाल पूछ रही है तो चुनाव आयोग ने वेबसाइट ही बंद कर दी। चुनाव आयोग जानता है कि अगर जनता उनसे सवाल पूछने लगी तो उनका पूरा ढांचा ढह जाएगा।
साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग से 5 सवाल पूछे और कहा कि देश जवाब चाहता है। पहला, विपक्ष को डिजिटल वोटर लिस्ट क्यों नहीं मिल रही? क्या छिपा रहे हो? दूसरा, सीसीटीवी और वीडियो सबूत मिटाए जा रहे हैं, क्यों? किसके कहने पर? तीसरा, फर्जी वोटिंग और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की गई, क्यों? चौथा, विपक्षी नेताओं को धमकाना, डराना, क्यों? पांचवां, साफ-साफ बताओ, क्या ईसीआई अब भाजपा का एजेंट बन चुका है? राहुल गांधी ने आगे कहा कि भारत का लोकतंत्र बेशकीमती है, इसकी चोरी का अंजाम बहुत भयानक होगा। अब जनता बोल रही है, बहुत हुआ।