क्या भारत की रिफॉर्म एक्सप्रेस का प्राइमरी इंजन युवा आबादी और लोगों का साहस है?
सारांश
Key Takeaways
- जनसांख्यिकी और युवा पीढ़ी भारत की रिफॉर्म एक्सप्रेस का मुख्य इंजन हैं।
- जीएसटी 2.0 टैक्स प्रणाली को सरल बनाता है।
- 12 लाख रुपये तक कमाने वालों पर इनकम टैक्स शून्य है।
- छोटी कंपनियों के लिए टर्नओवर की सीमा 100 करोड़ रुपये है।
- एफडीआई और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत की रिफॉर्म एक्सप्रेस का मुख्य इंजन देश की जनसांख्यिकी, हमारी युवा पीढ़ी और हमारे लोगों का अदम्य साहस है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर पीएम मोदी ने लिखा कि 2025 हर क्षेत्र में सुधारों के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण रहा है और इससे देश की विकास यात्रा को गति मिली है, साथ ही विकसित भारत यात्रा के प्रयासों को भी प्रोत्साहन मिला है।
उन्होंने कहा कि 2025 को भारत के लिए ऐसे वर्ष के रूप में याद किया जाएगा, जब सरकार ने पिछले 11 वर्षों की उपलब्धियों के आधार पर निरंतर राष्ट्रीय मिशन के रूप में सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया। हमने संस्थानों का आधुनिकीकरण किया, शासन व्यवस्था को सरल बनाया और दीर्घकालिक, समावेशी विकास की नींव को मजबूत किया।
इन सुधारों का उद्देश्य नागरिकों को गरिमामय जीवन जीने में सक्षम बनाना, उद्यमियों को आत्मविश्वास के साथ नवाचार करने के लिए प्रेरित करना और संस्थानों को स्पष्टता और विश्वास के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करना है।
पीएम ने आगे कहा कि जीएसटी 2.0 ने टैक्स स्लैब की संख्या को घटाकर दो - 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत कर दिया है। इससे एमएसएमई, किसानों और अधिक श्रम उपयोग वाले क्षेत्रों पर आम लोगों का टैक्स का बोझ कम हुआ है।
अथवा, सरकार ने 12 लाख रुपये तक कमाने वालों पर इनकम टैक्स को शून्य कर दिया है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को लाभ मिला है। इसके साथ ही, पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 को इनकम टैक्स एक्ट 2025 से प्रतिस्थापित कर दिया गया है।
ये सभी सुधार मिलकर भारत को एक पारदर्शी, प्रौद्योगिकी-आधारित कर प्रशासन की ओर ले जाएंगे।
पीएम ने बताया कि छोटी कंपनियों के लिए अब टर्नओवर की सीमा 100 करोड़ रुपये तय कर दी गई है, जिससे कई छोटी कंपनियों पर अनुपालन का बोझ कम हुआ है।
इसके अलावा, इंश्योरेंस कंपनियों में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई है, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और लोगों को बेहतर उत्पाद मिलेंगे।
संसद में प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक पेश किया गया है, जिससे सेबी में शासन के मानदंडों में सुधार होगा, निवेशकों की सुरक्षा बढ़ेगी, अनुपालन का बोझ कम होगा और विकसित भारत के लिए प्रौद्योगिकी आधारित प्रतिभूति बाजार सक्षम होगा।
संसद के एक ही सत्र (मानसून सत्र) में पांच ऐतिहासिक समुद्री कानूनों को पारित किया गया, जिसमें बिल ऑफ लैडिंग अधिनियम, 2025; माल ढुलाई विधेयक, 2025; तटीय जहाजरानी विधेयक, 2025; व्यापारिक जहाजरानी विधेयक, 2025; और भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025 शामिल हैं। इन सुधारों से दस्तावेजीकरण सरल हो जाएगा, विवाद समाधान आसान हो जाएगा और रसद लागत में कमी आएगी।
भारत ने न्यूजीलैंड, ओमान और यूके के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे निवेश, रोजगार के अवसरों और स्थानीय उद्योगों को लाभ होगा। स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन के संगठन यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के साथ हुआ एफटीए लागू हो चुका है। यह विकसित यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत का पहला मुक्त व्यापार समझौता है।
उन्होंने बताया कि विकसित भारत- जी राम जी अधिनियम, 2025 ने रोजगार गारंटी को 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन कर दिया है, जिससे ग्राम अवसंरचना और आजीविका को मजबूत करने की दिशा में खर्च में वृद्धि होगी। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने को उच्च आय और बेहतर संपत्ति सुनिश्चित करना है।
2025 के सुधारों की महत्ता न केवल उनके व्यापक दायरे में है, बल्कि उनकी अंतर्निहित विचारधारा में भी है। सरकार ने आधुनिक लोकतंत्र की सच्ची भावना के अनुरूप नियंत्रण की जगह सहयोग और नियमन की जगह सुविधा प्रदान करने को प्राथमिकता दी है।
इन सुधारों का उद्देश्य एक समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है। विकसित भारत का निर्माण हमारी विकास यात्रा का मार्गदर्शक सिद्धांत है। आने वाले वर्षों में हम सुधार एजेंडा को आगे बढ़ाते रहेंगे।
पीएम मोदी ने अंत में कहा कि मैं भारत और विदेश में सभी से आग्रह करता हूं कि वे भारत के विकास से अपना जुड़ाव और मजबूत करें। भारत पर भरोसा बनाए रखें और हमारे लोगों में निवेश करते रहें!