क्या उन्नाव रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागतयोग्य है: शायना एनसी?
सारांश
Key Takeaways
- उन्नाव रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण है।
- महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए यह एक सकारात्मक कदम है।
- बीएमसी चुनाव में महायुति का एकजुट होना आवश्यक है।
- राजनीतिक स्थितियों में बदलाव जनता की राय पर निर्भर करते हैं।
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले से न्याय प्रणाली में विश्वास मजबूत होगा।
मुंबई, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उन्नाव रेप मामले के आरोपी और पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत देने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने का शिवसेना नेता शायना एनसी ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 का उन्नाव रेप मामला अत्यंत गंभीर है और दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। यह फैसला महिलाओं की जीत है और न्याय व्यवस्था में विश्वास को मजबूत करता है।
बीएमसी चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर शायना एनसी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि महायुति नेतृत्व ने भारतीय जनता पार्टी के लिए 137 सीटें और शिवसेना के लिए 90 सीटों का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा कि गठबंधन में सभी सहयोगियों को उचित सम्मान और भागीदारी मिलनी चाहिए। रामदास आठवले का सम्मान भी महायुति का अहम हिस्सा है।
उन्होंने विश्वास जताया कि महायुति सभी सहयोगियों के साथ मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि हमारा एक ही लक्ष्य है—महायुति का महापौर बनाना और महाराष्ट्र के विकास के लिए काम करते रहना।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत द्वारा अभद्र भाषा के प्रयोग और शिवसेना पर किए गए हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए शायना एनसी ने कहा कि सत्ता की लालच में 2019 में वही लोग कांग्रेस और एनसीपी का समर्थन मांग रहे थे। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे को किसी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। जनता ने उन्हें विश्वास का प्रमाण पत्र दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि विधानसभा चुनाव में 80 सीटों पर लड़ने के बावजूद पार्टी ने 60 सीटें जीतकर जनता का भरोसा साबित किया। पहले जहां 27 महापौर थे, आज यह संख्या दोगुनी हो चुकी है। ऐसे में हमें ‘भिखारी’ कहने का कोई आधार नहीं है। शायना एनसी ने तंज कसते हुए कहा कि भिखारी का प्रमाण पत्र, टाइटल और फर्स्ट प्राइज सिर्फ यूबीटी को मिल सकता है। अंत में उन्होंने कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि महायुति एकजुट होकर चुनाव लड़ रही है।