क्या इंश्योरेंस कंपनियां हेल्थ क्लेम के सेटलमेंट में तेजी लाएंगी?

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क्या इंश्योरेंस कंपनियां हेल्थ क्लेम के सेटलमेंट में तेजी लाएंगी?

सारांश

केंद्र ने स्वास्थ्य सेवा को किफायती और सुलभ बनाने के लिए इंश्योरेंस कंपनियों को तेजी से क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया और मानक उपचार प्रोटोकॉल स्थापित करने की सलाह दी है। जानिए इस महत्वपूर्ण बैठक में क्या निर्णय लिए गए।

Key Takeaways

  • कैशलेस क्लेम प्रोसेसिंग को सरल बनाना आवश्यक है।
  • इंश्योरेंस कंपनियों के लिए मानक अस्पताल पैनल नियम स्थापित करना अनिवार्य है।
  • पॉलिसीधारकों के लिए बेहतर सेवा सुनिश्चित करना प्राथमिकता होनी चाहिए।
  • पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए हॉस्पिटल और इंश्योरेंस कंपनियों के बीच सहयोग जरूरी है।
  • स्वास्थ्य सेवा को किफायती और सुलभ बनाना मुख्य उद्देश्य है।

नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने इंश्योरेंस कंपनियों और अस्पतालों से नेशनल हेल्थ क्लेम एक्सचेंज में तेजी से शामिल होने, मानक उपचार प्रोटोकॉल तैयार करने और कैशलेस क्लेम प्रोसेसिंग को निर्बाध रूप से लागू करने के लिए कहा है। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा को और अधिक किफायती और सभी के लिए सुलभ बनाना है। यह जानकारी शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में साझा की गई।

वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू ने इंश्योरेंस कंपनियों और अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की, जिसमें स्वास्थ्य क्षेत्र में महंगाई और प्रीमियम लागत के बढ़ने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।

इस बैठक में अनेक प्रमुख संगठन जैसे जनरल इंश्योरेंस काउंसिल, एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इन इंडिया (एएचपीआई), मैक्स हेल्थकेयर, फोर्टिस हेल्थकेयर, और अपोलो हॉस्पिटल्स के प्रतिनिधियों के साथ-साथ न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, स्टार हेल्थ इंश्योरेंस, और बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस के सदस्य भी शामिल हुए।

उन्हें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि सभी इंश्योरेंस कंपनियों के पास मानक अस्पताल पैनल के नियम हों, ताकि सभी पॉलिसीधारकों को लगातार कैशलेस इलाज की सुविधा मिल सके। इससे अस्पतालों की प्रशासनिक चुनौतियों में कमी आएगी और संचालन सुगम होगा।

वित्तीय सेवा विभाग के सचिव ने कहा कि इंश्योरेंस कंपनियों को पॉलिसीधारकों को बेहतर सेवा प्रदान करनी होगी और क्लेम प्रक्रियाओं को तेज करना होगा।

बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सा महंगाई कई लागत कारकों से संबंधित है, फिर भी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीधारकों के लिए बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शिता और दक्षता लाना अनिवार्य है। इसके लिए हॉस्पिटल और इंश्योरेंस कंपनियों के बीच अधिक सहयोग की जरूरत है।

इस बैठक में जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के महासचिव इंद्रजीत सिंह, अपोलो हॉस्पिटल्स की एमडी डॉ. सुनीता रेड्डी, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के एमडी शिवकुमार पट्टाभिरामन, मैक्स हेल्थकेयर के सीएमडी अभय सोई, एएचपीआई के महानिदेशक डॉ. गिरधर जे. ज्ञानी, निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस के सीईओ कृष्णन रामचंद्रन, स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के ईडी और सीओओ अमिताभ जैन, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी की महाप्रबंधक मीरा पार्थसारथी और अन्य प्रमुख व्यक्ति शामिल थे।

Point of View

इस चर्चा का मुख्य उद्देश्य पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा करना है। स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने से सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी, जिससे समाज का समग्र स्वास्थ्य स्तर ऊँचा उठेगा।
NationPress
14/11/2025

Frequently Asked Questions

केंद्र ने हेल्थ क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए क्या कदम उठाए हैं?
केंद्र ने इंश्योरेंस कंपनियों को नेशनल हेल्थ क्लेम एक्सचेंज में तेजी से शामिल होने और स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए कहा है।
इस बैठक में कौन-कौन से प्रमुख प्रतिनिधि शामिल थे?
इस बैठक में कई प्रमुख हेल्थकेयर और इंश्योरेंस कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल थे, जैसे अपोलो हॉस्पिटल्स, मैक्स हेल्थकेयर, और न्यू इंडिया एश्योरेंस।