क्या आईपीपीबी ने ईपीएफओ से साझेदारी की है ताकि पेंशनभोगियों को घर पर डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट मिले?
सारांश
Key Takeaways
- आईपीपीबी और ईपीएफओ की साझेदारी से पेंशनभोगियों को घर पर ही डीएलसी मिलेगी।
- डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट सबमिशन के लिए कोई शुल्क नहीं होगा।
- यह प्रक्रिया ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी।
- डोरस्टेप बैंकिंग तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
- इस पहल से समय की बचत होगी और नागरिक सेवाओं की सुविधा बढ़ेगी।
नई दिल्ली, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस) । संचार मंत्रालय द्वारा सोमवार को साझा की गई जानकारी के अनुसार, डाक विभाग के अंतर्गत इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी के माध्यम से, ईपीएफओ अपने पेंशनभोगियों को, जो कि कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 (ईपीएस'95) के अंतर्गत आते हैं, उनके घर पर ही डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) सेवा प्रदान करेगा।
इस सहयोग के तहत, आईपीपीबी अपने 1.65 लाख से अधिक डाकघरों और 3 लाख से अधिक डाक सेवा प्रदाताओं (डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक) के व्यापक नेटवर्क का उपयोग करेगा, जो कि डोरस्टेप बैंकिंग डिवाइस से सुसज्जित हैं।
इस प्रक्रिया में फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक और फिंगरप्रिंट बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन का उपयोग किया जाएगा, जिससे ईपीएफओ पेंशनभोगी अपने घर से ही डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा कर सकेंगे। इसका मतलब है कि उन्हें इस कार्य के लिए बैंक या ईपीएफओ ऑफिस जाने की आवश्यकता नहीं होगी। यह साझेदारी पेंशनभोगियों को पूर्व में आवश्यक कागजी प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया को समाप्त कर देगी।
इसके अतिरिक्त, पेंशनभोगियों को इस प्रक्रिया के लिए किसी प्रकार का शुल्क भी नहीं देना होगा, क्योंकि डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जारी करने की संपूर्ण लागत ईपीएफओ द्वारा वहन की जाएगी।
आईपीपीबी के एमडी और सीईओ आर विश्वेश्वरन ने कहा, "ईपीएफओ के साथ यह साझेदारी भारत में हर घर तक आवश्यक वित्तीय और नागरिक सेवाएं प्रदान करने के आईपीपीबी के मिशन को सशक्त करती है। हमारे प्रौद्योगिकी सक्षम पोस्टल नेटवर्क और विश्वसनीय अंतिम मील पहुंच के साथ, ईपीएफओ के पेंशनभोगी, विशेषकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में, अब गरिमा और सुविधा के साथ अपना लाइफ सर्टिफिकेट निर्बाध रूप से जमा कर सकेंगे।"
उन्होंने आगे जोड़ा कि यह पहल भारत सरकार के 'डिजिटल इंडिया' और 'ईज ऑफ लिविंग' के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनभोगियों के लिए समावेशी सेवा वितरण सुनिश्चित करते हुए प्रौद्योगिकी और पोस्टल इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करती है।
आईपीपीबी ने डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के लिए डोर-स्टेप सर्विस 2020 में आरंभ की थी। जीवन प्रमाण जारी करने में लगने वाले अधिक समय को कम करने के लिए इस प्रक्रिया में आधार-इनेबल्ड बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन का उपयोग किया जाता है।