क्या केंद्र ने महाराष्ट्र में 6 लेन के ग्रीनफील्ड नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट कॉरिडोर को मंजूरी दी है?
सारांश
Key Takeaways
- नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट कॉरिडोर का निर्माण
- कुल लागत: 19,142 करोड़ रुपए
- यात्रा समय में कमी: 17 घंटे
- रोजगार के अवसर: 251.06 लाख मानव-दिवस
- बुनियादी ढांचे में सुधार
नई दिल्ली, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बुधवार को महाराष्ट्र में बीओटी (बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर) मोड पर 374 किलोमीटर लंबे छह लेन के ग्रीनफील्ड एक्सेस-कंट्रोल्ड नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी प्रदान की है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस परियोजना की कुल लागत 19,142 करोड़ रुपए होगी। यह नासिक, अहिल्यानगर और सोलापुर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रीय शहरों को कुरनूल से जोड़ेगा। यह बुनियादी ढांचा परियोजना प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के सिद्धांत के अंतर्गत एकीकृत परिवहन अवसंरचना विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मंत्रालय ने आगे बताया कि नासिक से अक्कलकोट तक प्रस्तावित ग्रीनफील्ड कॉरिडोर को वधावन बंदरगाह इंटरचेंज के पास दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, नासिक में एनएच-60 (अदेगांव) के जंक्शन पर आगरा-मुंबई कॉरिडोर और पांगरी (नासिक के पास) में समृद्धि महामार्ग से जोड़ा जाएगा।
यह प्रस्तावित कॉरिडोर पश्चिमी तट से पूर्वी तट तक सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। चेन्नई बंदरगाह से तिरुवल्लूर, रेनिगुंटा, कडप्पा और कुरनूल होते हुए चेन्नई से हसापुर (महाराष्ट्र सीमा) तक लगभग 4-लेन कॉरिडोर परियोजनाएं (700 किमी लंबा) पहले से ही निर्माणाधीन हैं।
प्रस्तावित एक्सेस-नियंत्रित छह-लेन ग्रीनफील्ड परियोजना का मुख्य उद्देश्य यात्रा दक्षता में सुधार करना है, जिससे यात्रा समय में लगभग 17 घंटे की कमी और यात्रा दूरी में 201 किमी की कमी होने की उम्मीद है। नासिक-अक्कलकोट (सोलापुर) कनेक्टिविटी कोप्पार्थी और ओरवाकल के प्रमुख राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास निगम (एनआईसीडीसी) नोड्स से शुरू और समाप्त होने वाले माल ढुलाई के लिए लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार करेगी।
इस खंड का नासिक-तलेगांव दिघे वाला हिस्सा पुणे-नासिक एक्सप्रेसवे के विकास की आवश्यकता को भी पूरा करता है, जिसे एनआईसीडीसी ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रस्तावित नए एक्सप्रेसवे के हिस्से के रूप में चिह्नित किया है।
यह परियोजना बेहतर सुरक्षा और निर्बाध यातायात आवागमन के लिए डिजाइन किया गया एक उच्च गति कॉरिडोर प्रदान करती है, जिससे यात्रा का समय, भीड़भाड़ और परिचालन लागत कम होती है। इस परियोजना की एक महत्वपूर्ण बात यह है कि यह क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में सुधार करेगी, जिससे नासिक, अहिल्यानगर, धराशिव और सोलापुर जिलों के समग्र आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा।
इस परियोजना से लगभग 251.06 लाख मानव-दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार और 313.83 लाख मानव-दिवस का अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा। इसके अलावा, प्रस्तावित कॉरिडोर के आसपास के क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के कारण अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।