क्या बेंगलुरु में एनसीबी ने 160 किलो खट की पत्तियों के तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया?
सारांश
Key Takeaways
- बेंगलुरु में 160 किलोग्राम खट की पत्तियां जब्त की गईं।
- तस्करी का नेटवर्क 20 से अधिक देशों में सक्रिय है।
- खट का उपयोग चाय या चबाने के माध्यम से किया जाता है।
- यह एक उत्तेजक पदार्थ है, जो एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रतिबंधित है।
- एनसीबी ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया है।
बेंगलुरु, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने खुफिया जानकारी के आधार पर एक बड़े अभियान में खट की पत्तियों की अवैध अंतरराष्ट्रीय तस्करी करने वाले एक संगठित सिंडिकेट का खुलासा किया है। इस कार्रवाई में बेंगलुरु से लगभग 160 किलोग्राम खट की पत्तियां जब्त की गईं, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत 8 करोड़ रुपए है।
यह 2018 में एनडीपीएस एक्ट के तहत साइकोट्रॉपिक पदार्थ घोषित होने के बाद कर्नाटक में खट की सबसे बड़ी जब्ती है। एनसीबी के अनुसार, ये पत्तियां इथियोपिया से केन्या होते हुए भारत लाई गईं। यह नेटवर्क इथियोपिया, केन्या, मध्य पूर्व सहित 20 से अधिक देशों में सक्रिय है। सिंडिकेट ने उत्तरी अमेरिका, यूरोप, खाड़ी देशों और मध्य पूर्व में 2,100 किलोग्राम से ज्यादा खट (550 से अधिक पार्सल) भेजे थे। ट्रांजिट में मौजूद पार्सलों की जानकारी संबंधित देशों की एजेंसियों के साथ साझा की जा रही है, जिससे आगे की कार्रवाई की जा सके।
जांच से पता चला है कि सिंडिकेट अंतरराष्ट्रीय डाक और कूरियर सिस्टम का उपयोग कर रहा था। खट को चाय जैसी सामान्य वस्तुओं में छिपाकर भेजा जाता था। बेंगलुरु में कई स्तरों पर नेटवर्क काम करता था - बड़ी खेप को छोटे हिस्सों में बांटकर स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन पॉइंट्स के जरिए वितरित किया जाता था। मुख्य आरोपी विदेशी नागरिक थे, जिन्हें स्थानीय मददगार मिलते थे। कई सदस्य छात्र वीजा या मेडिकल वीजा की आड़ में भारत में रह रहे थे।
खट (कथा एडुलिस) एक उत्तेजक पदार्थ है, जिसकी पत्तियां चबाकर या चाय बनाकर उपयोग की जाती हैं। इसमें कैथिनोन और कैथाइन जैसे तत्व होते हैं, जो एम्फेटामाइन जैसा प्रभाव उत्पन्न करते हैं। भारत में 2018 से यह एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रतिबंधित है।
एनसीबी ने कहा कि भारत में खट कम लोकप्रिय होने के बावजूद, तस्कर इसे विदेशी मूल के कारण उच्च कीमत पर बेचते हैं। यह ऑपरेशन अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी के पैमाने और परिष्कार को उजागर करता है। एनसीबी ने अंतर-एजेंसी समन्वय और वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया है। आगे की जांच में सिंडिकेट के अन्य सदस्यों, फाइनेंशियल नेटवर्क और रूट्स का पता लगाया जा रहा है।