क्या केंद्र मुद्रास्फीति नियंत्रण और सतत आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाए रख सकता है? : पंकज चौधरी

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क्या केंद्र मुद्रास्फीति नियंत्रण और सतत आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाए रख सकता है? : पंकज चौधरी

सारांश

क्या केंद्र सरकार मुद्रास्फीति को नियंत्रित कर सकती है? पंकज चौधरी के अनुसार, विभिन्न उपाय किए गए हैं जो सतत विकास और मुद्रास्फीति नियंत्रण के बीच संतुलन बनाए रखने का प्रयास करते हैं। जानिए इसके बारे में और!

Key Takeaways

  • मुद्रास्फीति नियंत्रण के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं।
  • सतत आर्थिक विकास का लक्ष्य रखा गया है।
  • सीपीआई मुद्रास्फीति में कमी आई है।
  • आरबीआई ने रेपो रेट में वृद्धि की है।
  • आयकर में छूट दी गई है।

नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस) । केंद्र सरकार ने मंगलवार को बताया कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और सामान्य नागरिक पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न राजकोषीय और व्यापार नीति सहित कई प्रशासनिक उपाय किए गए हैं।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि इन समन्वित उपायों का उद्देश्य मुद्रास्फीति नियंत्रण और सतत आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाना है।

इन उपायों में आवश्यक खाद्य वस्तुओं के लिए बफर स्टॉक में वृद्धि; खुले बाजार में खरीदे गए अनाज की स्ट्रैटेजिक बिक्री; कम आपूर्ति की अवधि में आयात और निर्यात पर अंकुश लगाना और चुनिंदा वस्तुओं की अधिक आपूर्ति बाजार में लाने के लिए स्टॉक सीमा लागू करना शामिल हैं।

अन्य उपायों में भारत ब्रांड के तहत चुनिंदा खाद्य पदार्थों की रियायती दरों पर खुदरा बिक्री, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लगभग 81 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न वितरण और 12 लाख रुपए तक की वार्षिक आय (मानक कटौती वाले वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए 2.75 लाख रुपए) को आयकर से छूट देकर व्यक्तियों की प्रयोज्य आय में वृद्धि शामिल है।

राज्य मंत्री ने आगे बताया कि इन प्रयासों के पूरक के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने मई 2022 और फरवरी 2023 के बीच रेपो रेट में संचयी 250 आधार अंकों (4 प्रतिशत से 6.5 प्रतिशत) की वृद्धि की और इसके बाद इसे जनवरी 2025 तक 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखा।

परिणामस्वरूप, सीपीआई द्वारा मापी गई औसत सालाना खुदरा मुद्रास्फीति 2023-24 में 5.4 प्रतिशत से घटकर 2024-25 में 4.6 प्रतिशत हो गई, जो पिछले छह वर्षों में सबसे कम है।

हालिया आंकड़ों के अनुसार, जून 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 2.1 प्रतिशत हो गई।

मुद्रास्फीति में गिरावट और विकास को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई ने फरवरी 2025 से नीतिगत (रेपो) दर में 100 आधार अंकों की कटौती की है।

केंद्रीय बैंक अपने प्राथमिक मौद्रिक नीति ढांचे के रूप में लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण की नीति का पालन करता है, जिसके तहत आरबीआई उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति (मुख्य मुद्रास्फीति) को 4 प्रतिशत पर बनाए रखने का लक्ष्य रखता है।

पिछली तीन तिमाहियों में सीपीआई मुद्रास्फीति दर आरबीआई के 4 प्रतिशत के टॉलरेंस बैंड के भीतर रही है।

Point of View

लेकिन हमें सतर्क रहना होगा कि ये उपाय सही दिशा में काम करें।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

केंद्र सरकार ने मुद्रास्फीति नियंत्रण के लिए क्या उपाय किए हैं?
केंद्र सरकार ने बफर स्टॉक में वृद्धि, खुले बाजार में अनाज की बिक्री, और मुफ्त खाद्यान्न वितरण जैसे कई उपाय किए हैं।
सीपीआई मुद्रास्फीति दर क्या है?
सीपीआई मुद्रास्फीति दर पिछले तीन तिमाहियों में आरबीआई के 4 प्रतिशत के टॉलरेंस बैंड के भीतर रही है।
आरबीआई ने रेपो रेट में कितनी वृद्धि की है?
आरबीआई ने मई 2022 और फरवरी 2023 के बीच रेपो रेट में 250 आधार अंकों की वृद्धि की है।