क्या एआई 315 फ्लाइट सुरक्षित लैंड हुई? सभी यात्रियों को मिल रही है सहायता: एयर इंडिया

सारांश
Key Takeaways
- एआई 315 फ्लाइट की सुरक्षित लैंडिंग
- यात्रियों को सहायता प्रदान की जा रही है
- तकनीकी जांच जारी है
- पिछली दुर्घटना ने सुरक्षा को प्राथमिकता दी
- एयर इंडिया ने वैकल्पिक व्यवस्था की है
नई दिल्ली, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में तकनीकी खराबी के चलते एआई 315 फ्लाइट को सोमवार को दिल्ली के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद आधे रास्ते से हांगकांग लौटना पड़ा। इसके बाद इस विमान की तकनीकी जांच की जा रही है।
एयरलाइन ने एक बयान में कहा कि एआई 315 फ्लाइट सुरक्षित रूप से लैंड कर चुकी है और सभी यात्रियों को सहायता प्रदान की जा रही है।
एयर इंडिया के प्रवक्ता के अनुसार, पायलट ने हवा में ही संभावित समस्या का पता लगाते हुए एहतियात के तौर पर विमान को वापस लौटाया।
प्रवक्ता ने कहा, "विमान हांगकांग में सुरक्षित तरीके से उतर गया है और एहतियात के तौर पर इसकी जांच की जा रही है।"
एयरलाइन ने कहा, "यात्रियों को जल्द से जल्द दिल्ली पहुंचाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।"
एयर इंडिया ने यह भी जानकारी दी कि अप्रत्याशित व्यवधान के कारण होने वाली असुविधा को कम करने के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है।
यह घटना पिछले सप्ताह विमान एआई 171 की दुखद घटना के बाद सामने आई है। यह विमान भी बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर द्वारा संचालित था, जो अहमदाबाद से लंदन जा रहा था।
विमान उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह विमान अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के छात्रावास से टकरा गया, जिसके परिणामस्वरूप विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई, साथ ही जमीन पर भी कई लोग हताहत हुए।
एकमात्र जीवित बचे विश्वाश कुमार रमेश का अभी इलाज चल रहा है।
इस बीच, एयर इंडिया ने रविवार को जारी एक बयान में एआई171 दुर्घटना के बाद केंद्र और गुजरात सरकार के सहयोग के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
एयरलाइन ने अहमदाबाद के सिविल और राजस्थान अस्पतालों के डॉक्टरों और कर्मचारियों के अथक प्रयासों की सराहना की। साथ ही, पीड़ितों के परिवारों को टाटा समूह की कंपनियों द्वारा दिए गए निरंतर समर्थन को भी सराहा।
पिछले हफ्ते, एयर इंडिया ने अहमदाबाद में दुखद एआई171 विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवारों के लिए 25 लाख रुपए के अंतरिम मुआवजे की भी घोषणा की।
यही राशि एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति को भी दी जाएगी। यह मुआवजा टाटा संस द्वारा पहले से दी गई 1 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता के अतिरिक्त है।