क्या एआई फाइनेंस ऑपरेशन को बदलने में सक्षम है और क्या भारत ब्रेन को बना सकता है?

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क्या एआई फाइनेंस ऑपरेशन को बदलने में सक्षम है और क्या भारत ब्रेन को बना सकता है?

सारांश

फाइनेंस ऑपरेशन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का आगमन भारत के लिए एक सुनहरा अवसर है। अनघ प्रसाद और एकनूर मल्होत्रा का ताजा निबंध इसे विस्तार से बताता है। क्या भारत इस बदलाव की अगुवाई कर सकता है? जानिए उनके विचारों में क्या खास है!

Key Takeaways

  • एआई फाइनेंस में नई संभावनाओं को खोलेगा।
  • भारत इस क्षेत्र में नेतृत्व कर सकता है।
  • पारंपरिक वर्कफ्लो में बदलाव की आवश्यकता है।
  • फाइनेंस का भविष्य ऑटोमेटेड और इंटेलिजेंट होगा।
  • नई तकनीकें उत्पादकता को बढ़ा सकती हैं।

बेंगलुरु, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। फाइनेंस ऑपरेशन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का आगमन हो रहा है और भारत इस परिवर्तन को गति देने वाली कैटेगरी-डिफाइनिंग कंपनियों के निर्माण के लिए एक मजबूत स्थिति में है। एक्सेल के निवेशक अनघ प्रसाद और एकनूर मल्होत्रा के एक नए निबंध का मुख्य सिद्धांत यही है, जो 'सीडटूस्केल' में प्रकाशित हुआ है। 'सीडटूस्केल' एक्सेल का ओपन सोर्स कंटेंट और फाउंडर्स के लिए कम्युनिटी हब है।

अपने लेख, 'एआई आ रहा है अकाउंटिंग के लिए, भारत नेतृत्व करने के लिए तैयार है' में लेखक तर्क करते हैं कि अकाउंटिंग की पारंपरिक रूप से जटिल और अनुपालन से भरी दुनिया एक पीढ़ीगत बदलाव के कगार पर है। लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) और एआई-नेटिव सिस्टम अब कोर फाइनेंस वर्कफ्लो जैसे इनवॉइस कैप्चर, रिकंसिलिएशन, क्लोजिंग बुक्स, रिपोर्टिंग जैसे काम को न केवल तेजी से बल्कि स्मार्ट तरीके से संभालने में सक्षम हैं।

प्रसाद और मल्होत्रा लिखते हैं, "अकाउंटिंग एक ऐसा टेक्स्टबुक उदाहरण है, जहां एआई की क्षमताओं को उत्पादित किया जा सकता है, जैसे संरचित और असंरचित डेटा पर रिजनिंग, अलग-अलग सिस्टम में लॉजिक को चेन करना और अनुपालन नियमों का अनुकूल होना।"

लेकिन उनका तर्क है कि असली रास्ता केवल तकनीक नहीं बल्कि भारत है।

भारत में फाइनेंस टैलेंट की गहरी मौजूदगी, बीपीओ और केपीओ फर्मों के दशकों के संचालन संबंधी ज्ञान और एआई एवं एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर में प्रशिक्षित संस्थापकों की एक नई लहर का जिक्र करते हुए वे लिखते हैं, "भारत लंबे समय से दुनिया के लिए फाइनेंशियल ऑपरेशन्स का बैक ऑफिस रहा है। अब, हम ब्रेन को बिल्ड कर सकते हैं।"

लेखक इस अवसर को पहले के एसएएएस इंफ्लेक्शन पॉइंट के समान बताते हुए कहते हैं, "सोचिए कि फ्रेशवर्क्स ने सीआरएम के लिए क्या किया या जोहो ने प्रोडक्टिविटी टूल्स के लिए क्या किया। हमारा मानना है कि भारत एआई-फॉर-फाइनेंस में दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनियां बना सकता है।"

यह लेख शुरुआती चरण के संस्थापकों के लिए एक आह्वान भी है। मौजूदा वर्कफ्लो में एआई को शामिल करने के बजाय, प्रसाद और मल्होत्रा जमीनी स्तर पर नए आविष्कार की वकालत करते हैं, ऐसे टूल्स जो तर्क, व्याख्या और एक्ट करें, जिन्हें वे एजेंट कहते हैं।

यह बदलाव ग्लोबल सीएफओ के बीच रिपोर्टिंग की गति बढ़ाने, सटीकता में सुधार करने और लागत कम करने की बढ़ती मांग के साथ मेल खाता है।

वे लिखते हैं, "एक आकर्षक डेमो और व्यावसायिक निरंतरता के मूल के रूप में यह एआई के लिए खुद को साबित करने का एक रास्ता तैयार कर रहा है।"

उनका निष्कर्ष 'द बिल्डिंग ब्लॉक्स आर इन प्लेस' जरूरी और आशावादी दोनों है, जिसे अब कल्पना और क्रियान्वयन की जरूरत है।

संस्थापकों, संचालकों और निवेशकों, सभी के लिए संदेश स्पष्ट है कि फाइनेंस का भविष्य ऑटोमेटेड और इंटेलिजेंट होगा। इसी के साथ सही महत्वाकांक्षा के साथ भारत ऐसे सिस्टम बना सकता है, जो इसे पावर करे।

Point of View

भारत को फाइनेंस में एआई के परिवर्तनकारी प्रभाव को अपनाना चाहिए। यह न केवल तकनीकी नवाचार के लिए, बल्कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे रहने के लिए आवश्यक है। हमें इस दिशा में काम करने की तत्काल आवश्यकता है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या एआई फाइनेंस ऑपरेशन को बदल सकता है?
हाँ, एआई फाइनेंस ऑपरेशन को तेजी और सटीकता से संभालने में सहायता कर सकता है।
भारत इस परिवर्तन में कैसे योगदान कर सकता है?
भारत में फाइनेंस टैलेंट और तकनीकी ज्ञान की गहरी मौजूदगी है, जिससे इसे नेतृत्व करने का अवसर मिल सकता है।
क्या एआई केवल तकनीक है या इससे आगे कुछ है?
एआई केवल तकनीक नहीं है, बल्कि यह एक नई सोच और नवाचार का प्रतीक है।