क्या नई श्रम संहिताओं में वेतन की परिभाषा बदलने से ग्रेच्युटी बढ़ेगी?

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क्या नई श्रम संहिताओं में वेतन की परिभाषा बदलने से ग्रेच्युटी बढ़ेगी?

सारांश

मोदी सरकार ने श्रम कानूनों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। जानिए, नई श्रम संहिताओं के तहत वेतन की नई परिभाषा से ग्रेच्युटी के भुगतान में क्या बदलाव आएगा और आपको इसका लाभ कैसे मिलेगा।

Key Takeaways

  • नई श्रम संहिताओं ने वेतन की परिभाषा में महत्वपूर्ण बदलाव किया है।
  • ग्रेच्युटी भुगतान में वृद्धि की संभावना है।
  • पीएफ योगदान में भी बदलाव हो सकते हैं।
  • सीटीसी में भत्तों की हिस्सेदारी 50% से अधिक नहीं हो सकती।
  • सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की सीमा वही है।

नई दिल्ली, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मोदी सरकार ने देश में कई दशकों से चल रहे श्रम कानूनों को समाप्त करके चार नई श्रम संहिताएँ लागू की हैं, जिनमें वेतन की परिभाषा में बदलाव किया गया है।

इस लेख में हम जानेंगे कि यह बदलाव आपके लिए क्या लाभकारी होगा और क्या इससे ग्रेच्युटी का भुगतान बढ़ेगा?

नई श्रम संहिताओं के अंतर्गत वेतन में आधार वेतन, महंगाई भत्ता और अन्य भत्तों को मानकीकृत किया गया है।

हालांकि, एचआरए, यात्रा भत्ते, और नियोक्ता द्वारा दिए गए पीएफ योगदान एवं कमीशन को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। नई वेतन संहिता 2019 के अनुसार, किसी कंपनी के सीटीसी में इनकी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है।

इस नए नियम के लागू होने से ग्रेच्युटी भुगतान में वृद्धि संभव है, क्योंकि पहले ग्रेच्युटी का आकलन केवल आधार वेतन और महंगाई भत्ते के आधार पर किया जाता था, जिसे कंपनियाँ अक्सर कम रखती थीं।

नए प्रावधानों के अनुसार, यह सीटीसी का कम से कम 50 प्रतिशत होगा, जिससे ग्रेच्युटी का भुगतान पहले की तुलना में बढ़ सकता है।

हालांकि, अभी भी ग्रेच्युटी भुगतान की अधिकतम सीमा में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है, जो कि निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए 20 लाख और सरकारी क्षेत्र के लिए 25 लाख रूपए बनी हुई है।

वेतन की नई परिभाषा से प्रोविडेंट फंड (पीएफ) में भी परिवर्तन देखने को मिलेंगे।

एंप्लॉय प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) एक्ट के तहत 15,000 रूपए तक के आधार वेतन प्लस महंगाई भत्ते पर 12 प्रतिशत का योगदान अनिवार्य है। यदि किसी कर्मचारी का आधार वेतन प्लस महंगाई भत्ता 15,000 से अधिक है, तो उनके पीएफ योगदान में कोई परिवर्तन नहीं होगा। वहीं, अगर यह 15,000 से कम है, तो पीएफ योगदान बढ़ सकता है।

Point of View

जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। श्रम कानूनों में सुधार से न केवल कर्मचारियों को लाभ होगा, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगा। हमें उम्मीद है कि यह बदलाव देश के श्रमिकों के लिए एक सकारात्मक दिशा में कदम होगा।
NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

नई श्रम संहिताओं में वेतन की परिभाषा में क्या बदलाव किया गया है?
वेतन की परिभाषा में आधार वेतन, महंगाई भत्ता और अन्य भत्तों को मानकीकृत किया गया है।
क्या ग्रेच्युटी भुगतान में वृद्धि होगी?
हाँ, नए नियमों के तहत ग्रेच्युटी भुगतान बढ़ सकता है।
पीएफ योगदान पर क्या असर पड़ेगा?
15,000 रूपए से अधिक आधार वेतन पर कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन 15,000 से कम होने पर पीएफ योगदान बढ़ सकता है।
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