क्या पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है?: हरदीप पुरी
सारांश
Key Takeaways
- अधिनियम 2025 ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- इससे पेट्रोलियम लीज सिस्टम को सरल बनाया गया है।
- स्वच्छ ऊर्जा के नए स्रोतों का विकास होगा।
- निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।
- भारत को आयात कम करने में मदद मिलेगी।
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को तेल क्षेत्र (विनियमन एवं विकास संशोधन) अधिनियम 2025 के संदर्भ में कहा कि यह अधिनियम आज के ऊर्जा युग के लिए 1948 के कानून का आधुनिकीकरण करता है।
केंद्रीय मंत्री पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "पीएम मोदी के नेतृत्व में ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। यह अधिनियम एक समान पेट्रोलियम लीज सिस्टम को पेश करता है। इसके अतिरिक्त, यह सीबीएम, शेल गैस, टाइट ऑयल, और गैस हाइड्रेट्स का दायरा बढ़ाता है। इसके साथ ही, तेजी से अनुमोदन मिलने और इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरिंग के कारण निवेशकों का विश्वास बढ़ता है। इस अधिनियम के तहत तेल क्षेत्र में सोलर और हाइब्रिड सिस्टम को अनुमति दी जा रही है।"
तेल क्षेत्र अधिनियम 2025 के संबंध में साझा किए गए वीडियो के अनुसार, मार्च 2025 में सरकार द्वारा एक ऐतिहासिक सुधार पेश किया गया। यह अधिनियम भारत के तेल और गैस क्षेत्र को नई दिशा, नया अनुशासन और एक हरित भविष्य प्रदान करता है।
नए अधिनियम के साथ नियम सरल होने जा रहे हैं। यह पुराने माइनिंग लीज को एक आधुनिक पेट्रोलियम लीज से बदलता है ताकि कंपनियां समान नियमों के तहत तेल और गैस की खोज और उत्पादन कर सकें।
अधिनियम मिनरल ऑयल की परिभाषा का विस्तार करता है, जिसमें कोल बेड मीथेन, शेल गैस, टाइट ऑयल, और गैस हाइड्रेट्स शामिल हैं, जिससे स्वच्छ ऊर्जा के नए घरेलू स्रोत खुलते हैं।
यह अधिनियम लीज नियमों को आधुनिक बनाकर, मंजूरी को आसान बनाता है और इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरिंग को बढ़ावा देकर ओएएलपी राउंड 10 के तहत भारत के एक्सप्लोरेशन अभियान को पूरा करता है।
अधिनियम तेल का उत्पादन करने वाली जमीन को क्लीन पावर भी उत्पन्न करने की अनुमति देता है। यह छोटे प्लेयर्स को कम लागत के साथ विकास के अवसर प्रदान करता है। इसके अलावा, भारत को आयात कम करने और कीमती संसाधनों को बचाने में भी मदद मिलेगी।
पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत अपने तेल क्षेत्रों का आधुनिकीकरण कर रहा है और धीरे-धीरे ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है।