क्या मिलेजुले वैश्विक संकेतों के बीच लाल निशान में खुला शेयर बाजार?

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क्या मिलेजुले वैश्विक संकेतों के बीच लाल निशान में खुला शेयर बाजार?

सारांश

भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार को गिरावट के साथ शुरुआत की, जबकि वैश्विक संकेत मिले-जुले थे। जानिए, क्या हैं इसके पीछे के कारण और बाजार के वर्तमान हालात। क्या यह गिरावट स्थायी होगी या फिर बाजार में सुधार आएगा? जानने के लिए पढ़ें।

Key Takeaways

  • भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला।
  • फाइनेंशियल और बैंकिंग शेयर में बिकवाली का प्रभाव।
  • विदेशी संस्थागत निवेशक ने बड़ी मात्रा में शेयर बेचे।
  • घरेलू निवेशक ने खरीदारी जारी रखी।
  • वैश्विक संकेतों पर नजर रखना आवश्यक है।

मुंबई, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मिलेजुले वैश्विक संकेतों के चलते भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार के कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ शुरुआत की। सुबह 9:32 बजे सेंसेक्स 191 अंक या 0.23 प्रतिशत की कमी के साथ 83,332 पर और निफ्टी 55 अंक या 0.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,518 पर था।

प्रारंभिक सत्र में गिरावट का मुख्य कारण फाइनेंशियल और बैंकिंग शेयर थे। निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज में 0.85 प्रतिशत, निफ्टी पीएसयू बैंक में 0.71 प्रतिशत, निफ्टी एनर्जी में 0.31 प्रतिशत, निफ्टी रियल्टी में 0.25 प्रतिशत, निफ्टी कमोडिटीज में 0.25 प्रतिशत और निफ्टी पीएसई में 0.19 प्रतिशत की कमी आई।

लार्जकैप के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी गिरावट देखने को मिली। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 174 अंक या 0.29 प्रतिशत की कमी के साथ 59,907 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 41 अंक या 0.23 प्रतिशत की कमी के साथ 18,097 पर था।

सेंसेक्स पैक में बीईएल, एमएंडएम, भारती एयरटेल, अदाणी पोर्ट्स, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, सन फार्मा, एचयूएल, अल्ट्राटेक सीमेंट, इटरनल, मारुति सुजुकी और आईटीसी के शेयरों में बढ़त थी। वहीं, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, एशियन पेंट्स, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, एनटीपीसी और कोटक महिंद्रा बैंक लूजर्स में शामिल थे।

एशियाई बाजारों में अधिकांश लाल निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि टोक्यो और सोल में हरे निशान देखे गए। शंघाई, बैंकॉक, हांगकांग और जकार्ता में गिरावट आई। अमेरिकी शेयर बाजार ने सोमवार के कारोबार में हरे निशान में बंद हुए।

विशेषज्ञों का कहना है कि मिलेजुले वैश्विक संकेतों और किसी मजबूत घरेलू संकेत के अभाव में निवेशक सतर्क बने हुए हैं। निकट भविष्य में निवेशकों की नजरें वैश्विक बाजार के रुझान, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और संस्थागत इनफ्लो पर रहेंगी।

विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने 10 नवंबर को शुद्ध विक्रेता बने हुए थे, और उन्होंने 4,114 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इस बीच, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) ने अपनी खरीदारी का सिलसिला जारी रखते हुए 5,805 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के शेयर खरीदे।

Point of View

हमें यह समझना आवश्यक है कि वर्तमान में शेयर बाजार की स्थिति वैश्विक संकेतों और घरेलू कारकों पर निर्भर कर रही है। निवेशकों को सतर्क रहकर निर्णय लेने की आवश्यकता है।
NationPress
11/11/2025

Frequently Asked Questions

शेयर बाजार में गिरावट का मुख्य कारण क्या है?
गिरावट का मुख्य कारण मिलेजुले वैश्विक संकेत और फाइनेंशियल शेयरों में बिकवाली है।
क्या इस गिरावट का प्रभाव दीर्घकालिक होगा?
यह कहना मुश्किल है, लेकिन निवेशकों की सतर्कता इस बात का संकेत है कि वे किसी भी बदलाव की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।