क्या ड्यूटी खत्म कर घर लौट रहा था भाई? लाल किला ब्लास्ट में मारे गए डीटीसी कंडक्टर के भाई ने किया दर्द बयां
सारांश
Key Takeaways
- घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया।
- परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
- धमाके की जांच जारी है।
- सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
- समाज को एकजुट होकर ऐसे हादसों को रोकने के लिए काम करना होगा।
नई दिल्ली, ११ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। लाल किला मेट्रो स्टेशन के समीप सोमवार को हुई कार धमाके की घटना ने पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया है। इस दुर्घटना में आठ लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (डीटीसी) कंडक्टर अशोक कुमार भी शामिल हैं। उनके परिवार पर अब दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
अशोक कुमार के भाई देवेंद्र कुमार ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि अशोक हर रोज की तरह अपनी ड्यूटी खत्म करके घर लौट रहा था। वह दिल्ली में क्लस्टर बस का कंडक्टर था और वहीं एक किराए के कमरे में रहता था। उसके तीन बच्चे हैं - दो बेटियां और एक बेटा।
देवेंद्र कुमार ने कहा कि जब इस हादसे की खबर आई, तो किसी को नहीं पता था कि अशोक भी उनमें से एक हो सकता है। एक सूची जारी की गई थी जिसमें आठ लोगों की मृत्यु की पुष्टि की गई थी और लगभग २० लोग घायल हुए थे। जब हमने मोबाइल नंबर देखा, तो उसमें अशोक का नाम भी था, जिससे हमें बहुत बड़ा झटका लगा। फिर हमें कोतवाली से सूचना मिली कि अशोक कुमार की मौत हो गई है।
देवेंद्र ने बताया कि अशोक की मौत से परिवार पर गहरा सदमा लगा है। अशोक का बेटा और बेटियां अपने पिता की तस्वीरें देखकर बार-बार रो पड़ते हैं। परिवार के सदस्य इस बात पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि अब अशोक हमारे बीच नहीं है।
उन्होंने बताया कि एक अन्य मृतक की पहचान लवकेश कुमार के रूप में हुई है, जो हरियाणा के हसनपुर के निवासी थे। जब लवकेश के बेटे ने फोन किया, तो कॉल लाल किला चौकी के इंचार्ज ने उठाई। उन्होंने कहा कि यह फोन मेरे पास है। इसके बाद हमें पता चला कि लवकेश भी इस हादसे में नहीं रहे।
घटना के तुरंत बाद पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। फिलहाल, दिल्ली पुलिस ने क्षेत्र को सील कर दिया है और धमाके की जांच कई पहलुओं से की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि धमाके की असली वजह क्या थी और इसमें कौन-कौन से तत्व शामिल हो सकते हैं।