क्या एमएसएमई सेक्टर देश की जीडीपी में 30.1 प्रतिशत का योगदान दे रहा है? - जीतन राम मांझी

सारांश
Key Takeaways
- एमएसएमई सेक्टर का जीडीपी में योगदान 30.1 प्रतिशत है।
- इसका मैन्युफैक्चरिंग में 35.4 प्रतिशत हिस्सा है।
- निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 45.73 प्रतिशत है।
- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम ने 80.33 लाख लोगों को रोजगार दिलाया।
- 6.5 करोड़ एमएसएमई ने 28 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान किया है।
नई दिल्ली, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को यह बताया कि एमएसएमई सेक्टर का योगदान देश की जीडीपी में 30.1 प्रतिशत है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस सेक्टर की मैन्युफैक्चरिंग में 35.4 प्रतिशत और निर्यात में 45.73 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
मंत्री ने मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एमएसएमई सेक्टर छोटे निवेश करने वाले उद्यमियों को रोजगार देकर और उन्हें उद्यमी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने बताया कि 1 जुलाई, 2020 को शुरू किया गया उद्यम पोर्टल एमएसएमई के लिए एक निःशुल्क, कागज रहित और स्व-घोषित पंजीकरण प्रक्रिया प्रदान करता है। इस पोर्टल पर आज 3.80 करोड़ से अधिक इकाइयां पंजीकृत हैं।
इसके अलावा, अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों को समर्थन देने के लिए 11 जनवरी, 2023 को लॉन्च किए गए उद्यम सहायता पोर्टल पर 2.72 करोड़ से अधिक इकाइयां पंजीकृत हैं। इन 6.5 करोड़ एमएसएमई इकाइयों ने मिलकर 28 करोड़ लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) गैर-कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के उद्देश्य से एक प्रमुख ऋण-लिंक्ड सब्सिडी कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम ने 80.33 लाख लोगों को रोजगार दिलाने में मदद की है, जिनमें से 80 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों से हैं।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले संगठन जैसे केवीआईसी, कॉयर बोर्ड, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड, और छोटे उद्योगों से संबंधित योजनाएं भारत के सकल घरेलू उत्पाद और निर्यात में योगदान देने के लिए शानदार काम कर रहे हैं।
मुंबई यात्रा के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने विद्युत मापन उपकरण डिजाइन संस्थान (आईडीईएमआई) और खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) कार्यालयों का दौरा भी किया।