क्या नोमुरा ने वित्त वर्ष 26 के लिए भारत के विकास दर अनुमान को 6.2 प्रतिशत पर कायम रखा?

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क्या नोमुरा ने वित्त वर्ष 26 के लिए भारत के विकास दर अनुमान को 6.2 प्रतिशत पर कायम रखा?

सारांश

नोमुरा ने भारत के वित्त वर्ष 26 के लिए आर्थिक विकास दर और खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों को स्थिर रखा है। जीएसटी में संभावित सुधारों के चलते उपभोक्ता मांग में वृद्धि की संभावना है। क्या यह सुधार अर्थव्यवस्था को नई गति देगा?

Key Takeaways

  • नोमुरा ने विकास दर का अनुमान 6.2 प्रतिशत पर रखा है।
  • खुदरा महंगाई का अनुमान 2.7 प्रतिशत है।
  • जीएसटी में सुधार से उपभोग बढ़ने की संभावना है।
  • त्योहारी सीजन में मांग में वृद्धि की उम्मीद है।
  • केंद्र सरकार का कर सुधार पर ध्यान है।

नई दिल्ली, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रतिष्ठित जापानी ब्रोकिंग फर्म नोमुरा ने वित्त वर्ष 26 के लिए भारत की आर्थिक विकास दर का अनुमान 6.2 प्रतिशत और खुदरा महंगाई दर का अनुमान 2.7 प्रतिशत पर स्थिर रखा है।

यह आउटलुक उस समय जारी किया गया है, जब भारत सरकार ने वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) में महत्वपूर्ण सुधारों का ऐलान किया है, जिससे अर्थव्यवस्था में उपभोग में वृद्धि की संभावना है।

वर्तमान में जीएसटी के चार स्लैब (5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत) हैं। रिपोर्टों के अनुसार, केंद्र सरकार का प्रस्ताव है कि इनकी संख्या को घटाकर दो कर दिया जाए और केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के स्लैब को रखा जाए। इसके अतिरिक्त, लग्जरी और सिन गुड्स जैसे तंबाकू और सिगरेट पर 40 प्रतिशत का टैक्स लगाया जाए।

विश्लेषकों का मानना है कि नीति निर्मातागण उच्च राजस्व उत्पन्न करने वाली वस्तुओं और सेवाओं को उच्च कर स्लैब में रखकर उनसे होने वाली आय को बनाए रखेंगे।

नोमुरा ने कहा कि आय और रोजगार उपभोग के असली चालक बने हुए हैं। कर सुधार, जो परिवारों को अधिक खर्च योग्य आय प्रदान करते हैं, बचत को बढ़ावा दे सकते हैं, जबकि उपभोक्ता मांग चरणों में बदल सकती है।

ब्रोकरेज को आशा है कि खरीदारी में प्रारंभिक मंदी आएगी क्योंकि परिवार कम कर दरों की प्रतीक्षा कर रहे हैं, और उसके बाद अक्टूबर-नवंबर में त्योहारी सीजन में मांग में वृद्धि होगी।

नोमुरा ने कहा कि मुद्रास्फीति के मोर्चे पर जीएसटी कर सुधार काफी हद तक अवस्फीतिकारी हो सकता है। सीपीआई बास्केट में लगभग 22 प्रतिशत वस्तुएं 12 प्रतिशत स्लैब के अंतर्गत आती हैं, जबकि 5 प्रतिशत पर 28 प्रतिशत कर लगता है।

हालांकि, नोमुरा ने चेतावनी दी है कि कीमतें तुरंत नहीं गिर सकती हैं। उन्होंने 2017 के अनुभव का हवाला दिया, जहां कंपनियों ने जीएसटी में बदलाव से पहले मार्क-अप बढ़ा दिया था और कर कटौती का केवल एक हिस्सा उपभोक्ताओं को दिया गया था, जिससे लाभ मार्जिन बढ़ गया था।

जीएसटी की दरों में बदलाव के इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) की इस सप्ताह बैठक होगी, जिसके बाद सितंबर में जीएसटी परिषद की बैठक होगी। यदि आम सहमति बन जाती है, तो नया ढांचा दिवाली तक लागू हो सकता है।

नोमुरा ने कहा कि राजकोषीय दृष्टिकोण से, सरकार का सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर संग्रह 18 प्रतिशत से कम कर वाली वस्तुओं और सेवाओं से आता है, जिन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि नोमुरा का यह अनुमान भारत की आर्थिक स्थिति को दर्शाता है। जीएसटी में सुधार आवश्यक हैं, लेकिन स्थिरता बनाए रखने के लिए सावधानी बरतनी होगी। हमें सरकार के निर्णयों का समर्थन करना चाहिए ताकि अर्थव्यवस्था में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

नोमुरा द्वारा भारत के विकास दर का अनुमान क्या है?
नोमुरा ने भारत के वित्त वर्ष 26 के लिए विकास दर का अनुमान 6.2 प्रतिशत पर रखा है।
क्या जीएसटी में बदलाव का प्रभाव पड़ेगा?
जीएसटी में बदलाव से उपभोक्ता मांग में वृद्धि की संभावना है और यह अर्थव्यवस्था को गति दे सकता है।