क्या पीएलआई स्कीम ग्लोबल मैन्युफैक्चरर को 'मेक इन इंडिया' की ओर आकर्षित कर रही है?

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क्या पीएलआई स्कीम ग्लोबल मैन्युफैक्चरर को 'मेक इन इंडिया' की ओर आकर्षित कर रही है?

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी ने पीएलआई स्कीम की सराहना की, जो वैश्विक निर्माताओं को 'मेक इन इंडिया' की ओर आकर्षित कर रही है। यह स्कीम भारत में निवेश और नवाचार के लिए अनुकूल माहौल बना रही है।

Key Takeaways

  • पीएलआई स्कीम ने ग्लोबल मैन्युफैक्चरर्स को आकर्षित किया है।
  • आर्थिक सुधार ने निवेश को बढ़ावा दिया है।
  • भारत का एविएशन सेक्टर नई ऊचाइयों की ओर बढ़ रहा है।
  • बिजनेस को आसान बनाने के लिए नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है।
  • एमआरओ सुविधाओं की उपलब्धता बढ़ रही है।

नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस) । पीएम मोदी ने बुधवार को बताया कि भारत ने वैश्विक मंच पर यह संदेश दिया है कि हमारा देश निवेश और नवाचार का स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि पीएलआई स्कीम ने ग्लोबल मैन्युफैक्चरर्स को ‘मेक इन इंडिया’ की ओर खींचने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले 11 वर्षों में 40,000 से अधिक अनुपालनों को कम किया गया है। नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम ने कई अप्रोच को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाने का काम किया है।

पीएम मोदी ने हैदराबाद में साफरान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विस फैसिलिटी के उद्घाटन पर अपने वर्चुअल संदेश में कहा, 'आज का भारत केवल बड़े सपने नहीं देख रहा, बल्कि बड़े निर्णय भी ले रहा है और उससे भी अधिक बड़ी उपलब्धियों को प्राप्त कर रहा है। भारत का ध्यान ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर है।'

उन्होंने कहा कि आज से भारत का एविएशन सेक्टर एक नई उड़ान भरने जा रहा है। साफरान की नई फैसिलिटी भारत को एक ग्लोबल एमआरओ हब के रूप में स्थापित करेगी और युवाओं के लिए उच्च तकनीक और एयरोस्पेस के क्षेत्र में नए अवसर प्रस्तुत करेगी।

उन्होंने बताया कि वैश्विक निवेश और उद्योगों को आकर्षित करने के लिए स्वतंत्र भारत में कुछ बड़े सुधार किए गए हैं। अर्थव्यवस्था के दरवाजे खोले गए हैं, बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है और बिजनेस को सरल बनाया गया है।

पीएम मोदी के अनुसार, 'डिफेंस जैसे सेक्टर में, जहां पहले प्राइवेट सेक्टर की जगह नहीं थी, अब 74 प्रतिशत तक एफडीआई ऑटोमेटिक रूट से संभव हो गया है। स्पेस सेक्टर में भी बड़े प्रयास किए गए हैं।'

उन्होंने कहा, 'भारत के एविएशन सेक्टर के तेजी से विस्तार के कारण मेनटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (एमआरओ) की सुविधाओं की मांग बढ़ रही है। भारत की एयरलाइन कंपनियों ने 1500 से अधिक एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दिया है।'

उन्होंने बताया कि भारत में 85 प्रतिशत एमआरओ का काम देश की सीमाओं के बाहर हो रहा था, जिससे खर्च बढ़ता था और समय भी अधिक लगता था। यह स्थिति भारत जैसे विशाल एविएशन मार्केट के लिए सही नहीं थी। इसलिए भारत सरकार एक बड़े एमआरओ केंद्र की तैयारी कर रही है।

उन्होंने कहा, 'साफरान की वैश्विक प्रशिक्षण और ज्ञान हस्तांतरण और भारत के संस्थानों के साथ साझेदारी से देश में एक ऐसा कार्यबल तैयार होगा, जो आने वाले समय में पूरे एमआरओ इकोसिस्टम को नई गति और दिशा देगा। इस फैसिलिटी से दक्षिण भारत के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।'

पीएम मोदी ने बताया कि देश शिपिंग से जुड़े एमआरओ इकोसिस्टम पर भी बड़े पैमाने पर काम कर रहा है।

उन्होंने साफरान की टीम से अनुरोध किया कि वे भारत में एयरक्राफ्ट इंजन और कंपोनेंट डिजाइन की संभावनाओं की भी खोज करें, जिसमें एमएसएमई का एक बड़ा नेटवर्क और युवा प्रतिभा का पूल उनकी मदद करेगा।

उन्होंने साफरान की टीम से कहा, 'मैं चाहूंगा कि आप प्रपोल्शन डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग के लिए भी भारत के टैलेंट का इस्तेमाल करें।'

Point of View

मैं मानता हूँ कि भारत में पीएलआई स्कीम के माध्यम से वैश्विक निवेश को बढ़ावा देना न केवल आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश की आत्मनिर्भरता को भी सशक्त करेगा।
NationPress
14/12/2025

Frequently Asked Questions

पीएलआई स्कीम क्या है?
पीएलआई स्कीम एक सरकारी योजना है, जिसका उद्देश्य भारतीय उद्योगों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।
भारत का एविएशन सेक्टर कैसे विकसित हो रहा है?
भारत का एविएशन सेक्टर तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें नए निवेश और तकनीकी सुविधाओं का समावेश हो रहा है।
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