क्या पीएलआई योजना में 1.76 लाख करोड़ रुपए का निवेश और 12 लाख रोजगार सृजन संभव है?

सारांश
Key Takeaways
- पीएलआई योजना का उद्देश्य भारत को आत्मनिर्भर बनाना है।
- इस योजना में 1.76 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया गया है।
- मार्च 2025 तक 12 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे।
- निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- 12 क्षेत्रों में 21,534 करोड़ रुपए की संचयी प्रोत्साहन राशि वितरित की गई है।
नई दिल्ली, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि पीएलआई योजना 14 महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लागू की जा रही है। इस योजना में 1.76 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप मार्च 2025 तक 16.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक का उत्पादन/बिक्री तथा 12 लाख से अधिक (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) रोजगार सृजन होने की संभावना है।
मंत्री गोयल ने कहा कि भारत को उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जहाँ उसे अन्य देशों की तुलना में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त प्राप्त है और विभिन्न हितधारकों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए ताकि देश का निर्यात बढ़ सके।
उन्होंने यह विचार उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की समीक्षा बैठक के दौरान प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि यह योजना विनिर्माण क्षेत्र में भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, पीएलआई योजनाओं के अंतर्गत 12 क्षेत्रों में लार्ज-स्केल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग (एलएसईएम), आईटी हार्डवेयर, बल्क ड्रग्स, मेडिकल डिवाइस, फार्मास्यूटिकल्स, टेलीकॉम एंड नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स, फूड प्रोसेसिंग, व्हाइट गुड्स, ऑटोमोबाइल एंड ऑटो कंपोनेंट्स, विशेष इस्पात, कपड़ा और ड्रोन एंड ड्रोन कंपोनेंट्स के लिए 21,534 करोड़ रुपए की संचयी प्रोत्साहन राशि वितरित की गई है।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने पीएलआई योजना के तहत आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मंत्रालयों को मात्रात्मक लक्ष्यों पर ध्यान देने के बजाय गुणवत्तापूर्ण कुशल जनशक्ति विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और एनआईसीडीसी के साथ मिलकर इंफ्रास्ट्रक्चर की बाधाओं को दूर करना चाहिए।
मंत्रालय का कहना है कि भारत में विभिन्न क्षेत्रों में पीएलआई योजनाओं का प्रभाव महत्वपूर्ण रहा है। इन योजनाओं ने घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित किया है, जिससे उत्पादन में वृद्धि, रोजगार सृजन और निर्यात को बढ़ावा मिला है।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए फार्मास्यूटिकल्स ड्रग्स में योजना के तहत पात्र उत्पादों की निर्यात बिक्री 0.67 लाख करोड़ रुपए थी, जो कि इस अवधि के दौरान देश के कुल फार्मा निर्यात का लगभग 27 प्रतिशत है।
खाद्य उत्पादों के लिए पीएलआई योजना ने 9,032 करोड़ रुपए के निवेश की जानकारी दी है, जिसके परिणामस्वरूप 3,80,350 करोड़ रुपए का उत्पादन/बिक्री और 3,40,116 (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) रोजगार सृजित हुए हैं।
योजना के तहत भारतीय मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) वस्त्रों का निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 5.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात हुआ था।