क्या कैट का बड़ा आरोप सही है, ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स कंपनियां नियमों का उल्लंघन कर रही हैं?

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क्या कैट का बड़ा आरोप सही है, ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स कंपनियां नियमों का उल्लंघन कर रही हैं?

सारांश

कैट ने पीयूष गोयल को पत्र में आरोप लगाया है कि कई ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स कंपनियां नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। क्या यह आरोप सही है? जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कैट के महासचिव की चिंताएं और सरकार से की गई मांगें।

Key Takeaways

  • ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा नियमों का उल्लंघन
  • कैट की चिंताएं
  • सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग
  • पारदर्शिता को बढ़ावा देने की आवश्यकता
  • स्थानीय व्यापार मानदंडों का उल्लंघन

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस) अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि देश में कई ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स कंपनियां नियमों का उल्लंघन कर रही हैं।

सांसद और कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने पत्र में चिंता व्यक्त की है कि इनमें से कई कंपनियां मौजूदा कानूनी और नीतिगत ढांचे का लगातार उल्लंघन कर रही हैं, जिससे छोटे और मध्यम आकार के व्यापारियों के हितों को नुकसान पहुँच रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार के स्पष्ट एफडीआई दिशानिर्देशों और उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 के बावजूद, कई प्लेटफॉर्म मार्केटप्लेस की आड़ में इंवेंट्री-आधारित मॉडल के रूप में काम कर रहे हैं, भारी छूट के साथ उत्पादों की कीमतें कम रख रहे हैं और चुनिंदा विक्रेताओं को तरजीही व्यवहार प्रदान कर रहे हैं। ये सभी कार्य कानून का सीधा उल्लंघन हैं।

खंडेलवाल ने आगे कहा, "ये कंपनियां स्थानीय व्यापार मानदंडों का भी उल्लंघन कर रही हैं, लाइसेंसिंग और डिलीवरी सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी कर रही हैं और पारंपरिक खुदरा इकोसिस्टम को बाधित कर रही हैं। इस तरह की प्रथाएं न केवल अपारदर्शी हैं, बल्कि लाखों छोटे व्यापारियों और आस-पड़ोस की दुकानों की आजीविका के लिए भी खतरा हैं।"

सरकार से तत्काल हस्तक्षेप का आह्वान करते हुए, खंडेलवाल ने मंत्रालय से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और एफडीआई नीति के तहत ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स के लिए विशिष्ट नियामक दिशानिर्देश तैयार करने का आग्रह किया।

उन्होंने सरकार से पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए एल्गोरिदम, डेटा उपयोग प्रैक्टिस और विक्रेता संबंधों का पूर्ण प्रकटीकरण अनिवार्य करने का भी आग्रह किया।

खंडेलवाल ने कहा, "एक मजबूत नियामक तंत्र की अनुपस्थिति ने इन कंपनियों को ऐसा व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित किया है मानो वे कानून से ऊपर हों।"

बयान में आगे कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निष्पक्ष, पारदर्शी और अनुपालन योग्य डिजिटल अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण के प्रति व्यापारियों की प्रतिबद्धता दोहराते हुए, खंडेलवाल ने भारत के खुदरा क्षेत्र में सभी हितधारकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए सरकार के प्रयासों में कैट के अंतर्गत व्यापारिक समुदाय की ओर से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।

-राष्ट्र प्रेस

एबीएस/

Point of View

यह आवश्यक है कि हम व्यापारिक समुदाय की चिंताओं को समझें। ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स का विकास महत्वपूर्ण है, लेकिन नियमों की अनदेखी किसी भी क्षेत्र के लिए हानिकारक हो सकती है। सरकार को चाहिए कि वह उचित कार्रवाई करे।
NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

कैट ने किसे पत्र लिखा है?
कैट ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है।
ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ क्या आरोप हैं?
ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स कंपनियों पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।
सरकार से क्या मांग की गई है?
सरकार से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और एफडीआई नीति के तहत नियामक दिशानिर्देश तैयार करने की मांग की गई है।