क्या सरकार एफटीए वार्ता में राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता दे रही है?: पीयूष गोयल

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क्या सरकार एफटीए वार्ता में राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता दे रही है?: पीयूष गोयल

सारांश

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट किया है कि भारत सरकार की मुक्त व्यापार समझौतों की वार्ता में राष्ट्रीय हित और घरेलू उद्योग की प्राथमिकताएँ सर्वोपरि हैं। गोयल ने व्यापार के लिए संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। जानिए उन्होंने और क्या कहा।

Key Takeaways

  • सरकार का दृष्टिकोण राष्ट्रीय हित और भारतीय उद्योग के प्राथमिकताओं पर आधारित है।
  • वार्ता में संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
  • यूरोपीय संघ के साथ बातचीत जारी है।
  • सरकार ने आसियान समझौते में घरेलू चिंताओं का ध्यान रखा है।
  • भारत के साथ अमेरिका के संबंध महत्वपूर्ण हैं।

नई दिल्ली, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट किया है कि सरकार का दृष्टिकोण मुक्त व्यापार समझौतों की वार्ता में राष्ट्रीय हित और भारतीय उद्योग की प्राथमिकताओं पर आधारित होगा।

केंद्रीय मंत्री ने एक मीडिया कार्यक्रम में बताया, "मेरे लिए हमेशा एक स्पष्ट दृष्टिकोण रहा है। जब हम व्यापार समझौतों की बात करते हैं तो राष्ट्रीय हित की रक्षा करना आवश्यक है। अब हम आमतौर पर विभिन्न देशों के साथ बातचीत शुरू करने से पहले ही पूर्व-समझौते पर काम करते हैं। आप मेरी संवेदनशीलता का सम्मान करते हैं, मैं आपकी संवेदनशीलता का सम्मान करता हूं। हर देश में कुछ चिंताएँ होती हैं।"

उन्होंने कहा कि भारत यूरोपीय संघ के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा है और तीन-चार अन्य व्यापार समझौतों पर बातचीत को गति दे रहा है।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने आगे बताया, "यूरोपीय संघ के कुछ क्षेत्र हैं, जो उनके लिए अत्यंत संवेदनशील हैं। हम इसका सम्मान करते हैं, ठीक वैसे ही जैसे वे हमारे क्षेत्र का सम्मान करते हैं। इसलिए, मुझे लगता है कि व्यापार के मोर्चे पर समझौता करना कठिन नहीं होगा।"

उन्होंने बताया कि भारत संपूर्ण स्थिति को यथार्थवादी दृष्टिकोण से देख रहा है, और उन व्यापारिक साझेदारों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है जिनके साथ पारदर्शी संबंध हो सकते हैं।

गोयल ने कहा कि सरकार ने आसियान मुक्त व्यापार समझौते पर घरेलू उद्योग की चिंताओं को ध्यान में रखा है।

उन्होंने कहा, "हम बहुत चिंतित हैं क्योंकि घरेलू उद्योग ने हमें नकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। पिछली सरकार ने समझौते पर बहुत खराब तरीके से बातचीत की थी।"

मंत्री ने हितधारकों को आश्वासन दिया कि व्यापार स्वतंत्र रूप से चलेगा, लेकिन संतुलन की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

उन्होंने उद्योग जगत के प्रतिभागियों से कहा, "संभव है कि हम 100 प्रतिशत प्रदर्शन न कर पाएं, लेकिन मांग तो करनी ही होगी।"

उन्होंने यह भी बताया कि श्रम-प्रधान उद्योगों को समर्थन मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "भारत के साथ अमेरिका के संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं और भारत एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, जिसमें संभावनाओं की भरमार है।"

सरकार ने इससे पहले संसदीय स्थायी समिति के साथ एक बैठक में कहा था कि भारत-अमेरिका संबंध बहुस्तरीय हैं और व्यापार इस महत्वपूर्ण रिश्ते का केवल एक पहलू है, जो भू-राजनीतिक और रणनीतिक पहलुओं पर भी आधारित है।

Point of View

बल्कि भारत को वैश्विक व्यापार में एक महत्वपूर्ण स्थान पर भी ले जाएगा।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या भारत का मुक्त व्यापार समझौता अन्य देशों के साथ हो रहा है?
हाँ, भारत यूरोपीय संघ सहित अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है।
सरकार ने घरेलू उद्योग की चिंताओं को कैसे ध्यान में रखा है?
सरकार ने आसियान मुक्त व्यापार समझौते के संदर्भ में घरेलू उद्योग की चिंताओं को प्राथमिकता दी है।
पीयूष गोयल का व्यापार वार्ता में दृष्टिकोण क्या है?
उनका दृष्टिकोण राष्ट्रीय हित और पारदर्शी व्यापारिक संबंधों पर आधारित है।