क्या पीएम मोदी 75 की उम्र में भी एक ऊर्जावान लीडर हैं?

सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी का 75वां जन्मदिन देशव्यापी कार्यक्रमों के साथ मनाया गया।
- माइक चो ने पीएम मोदी को एक ऊर्जावान लीडर बताया।
- भारत दुनिया का शीर्ष स्तरीय देश है।
- भारत और दक्षिण कोरिया का सहयोग बढ़ रहा है।
- मोदी वैश्विक शांति के लिए एक महत्वपूर्ण मध्यस्थ बन सकते हैं।
नई दिल्ली, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कोमैक के चेयरमैन माइक चो ने प्रधानमंत्री मोदी को उनके 75वें जन्मदिन पर बधाई देते हुए कहा कि इस उम्र में भी वे एक ऊर्जावान लीडर हैं। पीएम मोदी का जन्मदिन हाल ही में देशभर में कार्यक्रमों और स्वास्थ्य, कल्याण तथा विकास पहलों की शुरुआत के साथ मनाया गया।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में चो ने कहा, "भारत एक शीर्ष स्तरीय और संभावनाओं से भरा देश है। निश्चित रूप से, भारत विश्व में सबसे तेज विकास दर वाला देश है। प्रधानमंत्री मोदी की उम्र लगभग 75 वर्ष है, लेकिन वे अत्यधिक ऊर्जावान हैं।"
चो ने आगे कहा कि पीएम मोदी किसी भी बड़े या छोटे अंतरराष्ट्रीय बैठक में सक्रिय भाग लेते हैं और वे आर्थिक एवं राजनीतिक दृष्टिकोण से एक कुशल लीडर हैं।
उन्होंने बताया कि वे 10 वर्ष पहले भारत आए थे और उस समय कोरिया के राष्ट्रपति की टीम का हिस्सा थे। उन्होंने पीएम मोदी के साथ डिनर भी किया था।
चो ने कहा, "काश मुझे 10 वर्ष बाद उनसे दोबारा मिलने का अवसर मिले। यह मेरे लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होगा।"
चो ने कहा, "मैं दोनों देशों के विकास को मजबूत सहयोग के तहत आगे बढ़ाना चाहता हूं। भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है और कोरियाई तथा भारतीय अर्थव्यवस्थाओं के संबंध हमेशा उत्कृष्ट रहे हैं। मैं प्रतिष्ठित भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर काम करना चाहता हूं।"
भारत और दक्षिण कोरिया के सहयोग पर चो ने कहा कि दोनों देश लंबे समय से वैश्विक कंपनियों के निर्माण केंद्र रहे हैं। कोरिया के कई वैश्विक समूह पहले ही भारत में फैक्ट्रियां स्थापित कर चुके हैं।
उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि हमारा सहयोग अन्य सभी अर्थव्यवस्थाओं से कहीं अधिक विकसित होगा। दोनों देशों की आर्थिक वृद्धि की गति में बदलाव आएगा, और रिकॉर्ड जल्द ही बदलेंगे। हम प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे हैं, बल्कि सहयोग कर रहे हैं।"
चो ने कहा कि वर्तमान में साम्यवादी एवं लोकतांत्रिक पक्षों में संघर्ष हो रहा है। इस स्थिति में मोदी एक अच्छे मध्यस्थ बनकर सभी देशों के बीच शांति स्थापित कर सकते हैं।