क्या बोकारो में नवविवाहिता की संदिग्ध मौत दहेज हत्या है?

सारांश
Key Takeaways
- दहेज हत्या का आरोप लगाना एक गंभीर मामला है।
- पुलिस को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।
- मृतका के परिवार का दर्द समझना आवश्यक है।
- समाज में दहेज प्रथा पर रोक लगानी चाहिए।
- सच्चाई जानने के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतज़ार करना होगा।
बोकारो, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के बोकारो स्टील सिटी में एक नवविवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मृतका, 23 वर्षीया सुषमा कुमारी के परिवार ने ससुराल वालों पर दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। इसके बाद पुलिस ने गुरुवार को उसके पति कुमार ऋत्विक को हिरासत में लिया है।
बोकारो के पेटरवार क्षेत्र की निवासी सुषमा की शादी 20 अप्रैल को सेक्टर 9ए निवासी ऋत्विक के साथ हुई थी। परिवार का कहना है कि विवाह के बाद से ही ससुराल वाले उन पर चारपहिया वाहन और नकद लाने के लिए दबाव बना रहे थे।
मृतका की बड़ी बहन स्वीटी के अनुसार, बुधवार सुबह करीब 11:30 बजे ऋतिक ने फोन पर कहा कि सुषमा ने पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है। परिजन जब पेटरवार से बोकारो पहुंचे तो उन्होंने सुषमा को बेड पर अचेत पाया। आनन-फानन में उसे बोकारो जनरल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिवार का आरोप है कि सूचना देने और अस्पताल ले जाने में जानबूझकर देरी की गई। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने शिकायत दर्ज करने में ढिलाई बरती। उनका कहना है कि शाम 7:30 बजे सूचना देने के बावजूद एफआईआर रात 11:30 बजे के बाद दर्ज की गई।
हरला थाने की पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है, लेकिन वास्तविक स्थिति पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अनुसंधान के बाद ही स्पष्ट होगी। मृतका के पति ऋत्विक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। दूसरी तरफ, सुषमा के माता-पिता और बहन ने कहा कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि योजनाबद्ध दहेज हत्या है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की है।