क्या आरबीआई ने बैंकों से अनक्लेम डिपॉजिट लौटाने के प्रयासों को तेज करने का आग्रह किया?

सारांश
Key Takeaways
- आरबीआई ने अनक्लेम डिपॉजिट को लौटाने के लिए बैंकों से अपील की है।
- साक्षरता और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए विशेष पहलें की जाएंगी।
- उदगम पोर्टल का उपयोग करके लोग अपने अनक्लेम डिपॉजिट खोज सकते हैं।
- अनक्लेम डिपॉजिट में निष्क्रिय खाते और मैच्योर एफडी शामिल हैं।
- बीमा कंपनियों को अनक्लेम डिपॉजिट को वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में स्थानांतरित करना अनिवार्य है।
नई दिल्ली, 24 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों से अनुरोध किया है कि वे 67,000 करोड़ रुपए से अधिक के अनक्लेम डिपॉजिट को उनके सही मालिकों को लौटाने के प्रयासों को तेज करें।
इन अनक्लेम डिपॉजिट में निष्क्रिय बचत और चालू खाते, मैच्योर हो चुकी एफडी, अनक्लेम डिविडेंड, ब्याज वारंट और बीमा आय शामिल हैं।
मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक, इन निष्क्रिय खातों के स्वामियों का पता लगाने और निपटान करने के लिए ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अक्टूबर से दिसंबर तक एक विशेष आउटरीच कार्यक्रम की योजना बनाई गई है।
दस वर्षों तक निष्क्रिय रहने वाले बचत और चालू खातों में शेष राशि या मैच्योरिटी डेट से दस वर्षों के भीतर क्लेम न किए गए एफडी को अनक्लेम डिपॉजिट के रूप में माना जाता है और बाद में बैंकों द्वारा केंद्रीय बैंक के डीईए कोष में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
आरबीआई की यह पहल उन क्षेत्रों को लक्षित करेगी जहां साक्षरता और जागरूकता कम है और प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए विभिन्न भाषाओं में स्थानीय प्रचार किया जाएगा।
राज्य स्तरीय बैंक समितियां (एसएलबीसी) अनक्लेम डिपॉजिट के आंकड़ों का आयु प्रोफाइल और बकेट-वार संकेंद्रण के आधार पर विश्लेषण करेंगी, ताकि अधिक स्थानीयकृत विश्लेषण प्रदान किया जा सके और जमाओं का पता लगाने और उनका निपटान करने के लिए विशेष प्रयास किए जा सकें।
उदगम पोर्टल, जो आरबीआई द्वारा शुरू किया गया एक केंद्रीकृत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जनता को भारत के विभिन्न बैंकों में अपनी अनक्लेम डिपॉजिट खोजने में सहायता करता है।
यह पोर्टल वर्तमान में लगभग 30 बैंकों की भागीदारी के साथ लगभग 90 प्रतिशत दावा न किए गए जमा मूल्य को कवर करता है।
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण के अनुसार, सभी बीमा कंपनियों को, जिनके पास पॉलिसीधारकों से 10 वर्ष से अधिक समय से कोई दावा नहीं किया गया है, उसे हर वर्ष ब्याज सहित वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में स्थानांतरित करना अनिवार्य है।
इसके अतिरिक्त, दावा न की गई राशि को वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में स्थानांतरित करने के बाद भी, पॉलिसीधारक या दावेदार 25 वर्ष तक की अवधि के लिए अपनी संबंधित पॉलिसियों के तहत देय राशि का दावा करने के लिए पात्र रहेंगे।
वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष का उपयोग राष्ट्रीय वृद्धजन नीति और राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक नीति के अनुरूप वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण को बढ़ावा देने वाली योजनाओं के लिए किया जाता है।