क्या आप डिजिटल लिटरेसी की ओर अपने कदम बढ़ा रहे हैं? : आरबीआई गवर्नर

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क्या आप डिजिटल लिटरेसी की ओर अपने कदम बढ़ा रहे हैं? : आरबीआई गवर्नर

सारांश

आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने महिला सशक्तीकरण और डिजिटल लिटरेसी की महत्वता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डिजिटल साक्षरता के बिना शिक्षा अधूरी होती है। यूपीआई के उपयोग के लाभ और सावधानियों पर भी चर्चा की।

Key Takeaways

  • महिला सशक्तीकरण के लिए सरपंच का पद एक मिसाल है।
  • डिजिटल लिटरेसी शिक्षा का अभिन्न हिस्सा है।
  • यूपीआई का उपयोग सरल और सुविधाजनक है।
  • डिजिटल फ्रॉड से बचने के लिए सावधानी बरतें।
  • आरबीआई की पहलें वित्तीय शिक्षा को बढ़ावा देती हैं।

नई दिल्ली, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोमवार को महिला सशक्तीकरण और डिजिटल लिटरेसी को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया।

गुजरात के मेहसाणा जिले के गोजरिया गांव में आयोजित केवाईसी अपडेट एवं जन सुरक्षा संतृप्ति कार्यक्रम में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई है कि यहाँ के लोगों ने महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए प्रयास किए हैं। महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं।

उन्होंने इस पर बल देते हुए कहा, "यहां एक महिला को सरपंच बनाया गया है, जो कि महिला सशक्तीकरण की एक बेजोड़ मिसाल है।"

उन्होंने सभी से डिजिटल साक्षरता के क्षेत्र में कदम बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा, "जैसा कि पहले कहा जाता था कि अगर आप पढ़ेंगे नहीं तो बढ़ेंगे नहीं, ठीक यही बात आज के समय में डिजिटल लिटरेसी पर लागू होती है। क्योंकि डिजिटल लिटरेसी के बिना आपकी शिक्षा अधूरी है।"

उन्होंने बताया कि डिजिटल लिटरेसी के लिए सरकार और केंद्रीय बैंक दोनों की ओर से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने यूपीआई की बढ़ती उपयोगिता पर भी जोर दिया, यह बताते हुए कि एक क्लिक में आप दूर दराज के गाँव में भी आसानी से पैसे भेज सकते हैं। उन्होंने कहा कि आपको यूपीआई का उपयोग करने में डरने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन डिजिटल फ्रॉड से बचने के लिए सावधानी बरतना आवश्यक है। आरबीआई गवर्नर ने डिजिटल भुगतान के लिए ओटीपी और पासवर्ड किसी अन्य व्यक्ति के साथ साझा न करने की सलाह दी।

गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कार्यक्रम में आरबीआई की फाइनेंशियल एजुकेशन पहल, सेंटर फॉर फाइनेंशियल लिटरेसी (सीएफएल) और फाइनेंशियल लिटरेसी सेंटर्स (एफएलसीएस) का भी उल्लेख किया।

आरबीआई के अनुसार, इस पहल के अंतर्गत एक सीएफएल लगभग 3 ब्लॉकों की आवश्यकताओं को पूरा करता है। 18-60 वर्ष की आयु के व्यक्तियों के लिए निःशुल्क शिविर आयोजित किए जाते हैं।

इस बीच, आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने नॉन सैलरी अकाउंट के लिए मिनिमम बैलेंस लिमिट के संबंध में कहा कि इस पर निर्णय बैंकों द्वारा लिया जाएगा क्योंकि यह किसी भी नियामक क्षेत्राधिकार के अंतर्गत नहीं आता।

Point of View

NationPress
11/08/2025

Frequently Asked Questions

डिजिटल लिटरेसी क्या है?
डिजिटल लिटरेसी का मतलब है तकनीकी उपकरणों और इंटरनेट का प्रभावी उपयोग करना।
महिला सशक्तीकरण का क्या महत्व है?
महिला सशक्तीकरण से महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना और समाज में बराबरी का दर्जा मिलता है।
यूपीआई का उपयोग कैसे करें?
यूपीआई का उपयोग करने के लिए, आपको एक बैंक खाता और मोबाइल नंबर की आवश्यकता होती है।
डिजिटल फ्रॉड से कैसे बचें?
अपने ओटीपी और पासवर्ड को किसी के साथ साझा न करें और हमेशा सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग करें।
आरबीआई की फाइनेंशियल एजुकेशन पहल क्या है?
आरबीआई की फाइनेंशियल एजुकेशन पहल लोगों को वित्तीय ज्ञान प्रदान करने के लिए है।