क्या आरबीआई एमपीसी के रेपो रेट को स्थिर रखने से घर खरीदारों की अफोर्डेबिलिटी बनी रहेगी?

सारांश
Key Takeaways
- रेपो रेट 5.5 प्रतिशत पर स्थिर है।
- बैंकों ने होम लोन ब्याज दरें घटाई हैं।
- इंडस्ट्री के नेताओं का सकारात्मक दृष्टिकोण।
- मध्यम और निम्न आय वर्ग के लिए अफोर्डेबिलिटी में सुधार।
- आरबीआई का नीतिगत रुख स्थिरता को दर्शाता है।
नई दिल्ली, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आरबीआई की मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) द्वारा रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर बनाए रखने से घर खरीदारों की अफोर्डेबिलिटी सुरक्षित रहेगी। यह जानकारी इंडस्ट्री के प्रमुख नेताओं ने साझा की।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल ने बताया, "नीतिगत दरों का स्थिर रहना और सरप्लस लिक्विडिटी अधिक पूर्वानुमान प्रदान करती है, जिससे घर खरीदारों के लिए अफोर्डेबिलिटी बनाए रखने में मदद मिलती है।"
उन्होंने आगे कहा, "कुछ बैंकों ने होम लोन ब्याज दरों को कम किया है, जिससे मध्यम और निम्न आय वर्ग के घरों की मांग को सहारा मिला है और यह लाभ धीरे-धीरे नीचे के क्रम में पहुंच रहा है।"
नारेडको महाराष्ट्र के अध्यक्ष प्रशांत शर्मा ने कहा, "महंगाई में कमी के बावजूद रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का आरबीआई का निर्णय वैश्विक चुनौतियों और घरेलू स्थिरता का प्रबंधन करने के प्रति एक सतर्क लेकिन संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है। रियल एस्टेट क्षेत्र में, दरों का स्थिर होना घर खरीदारों की धारणा में निरंतर गति सुनिश्चित करता है और यह घरों के लिए अफोर्डेबिलिटी को बनाए रखता है।"
आरबीआई ने इस वर्ष फरवरी और जून के बीच रेपो रेट में 100 बीपीएस की कटौती की है, जिसके बाद प्रमुख बैंकों ने अपने होम लोन की दरें 7.3 प्रतिशत तक कम कर दी हैं।
वर्तमान में, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और आईसीआईसीआई बैंक जैसे प्रमुख ऋणदाताओं की होम लोन दरें 7.3-8 प्रतिशत से शुरू होती हैं।
इंडिया सोथबी इंटरनेशनल रियल्टी के एमडी अमित गोयल ने कहा, "आरबीआई का तटस्थ नीतिगत रुख, 6.5 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान और मुद्रास्फीति में कमी, स्थिर व्यापक आर्थिक आत्मविश्वास को दर्शाता है। मजबूत खपत और स्थिर शहरी मांग पहले से ही भारत के हाउसिंग सेंटीमेंट को समर्थन दे रही है।"