क्या भारत की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 26 में 7.4 प्रतिशत रहेगी?
सारांश
Key Takeaways
- भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने की संभावना।
- आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं।
- खुदरा महंगाई दर में कमी की संभावना।
- तीसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में मजबूती।
- सीमेंट उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद।
नई दिल्ली, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 26 में 7.4 प्रतिशत रहने की संभावना है। यह वृद्धि इलेक्ट्रिसिटी की मांग में वृद्धि और खनन एवं निर्माण गतिविधियों में इजाफा के चलते हो रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में वृद्धि दर 7 प्रतिशत से कम रहने की संभावना व्यक्त की गई है। इसके लिए प्रतिकूल आधार प्रभाव और निर्यात में कमी जिम्मेदार हैं। पहले छह महीनों में विकास दर 8 प्रतिशत से अधिक थी।
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आरबीआई फरवरी 2026 में ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं करेगा। भविष्य के फैसले वित्त वर्ष 27 के यूनियन बजट और महंगाई तथा वृद्धि दर की बदलती स्थिति पर निर्भर करेंगे।
वित्त वर्ष 26 की तीसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में मजबूती बनी रही है। त्योहारी सीजन के दौरान ब्याज दरों में कमी और कुछ क्षेत्रों में मौसमी तेजी का लाभ मिला है।
रिपोर्ट के अनुसार, तीसरी तिमाही में त्योहारी मांग और जीएसटी में कटौती का वस्तुओं और सेवाओं की खपत तथा मैन्युफैक्चरिंग की मात्रा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में निर्यात में गिरावट देखी जा सकती है, जब तक कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता नहीं हो जाता।
खुदरा महंगाई दर वित्त वर्ष 26 में कम होकर 2 प्रतिशत के करीब रहने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 25 में यह 4.6 प्रतिशत थी।
खुदरा महंगाई दर नवंबर 2025 में बढ़कर 0.7 प्रतिशत हो गई है, जो कि अक्टूबर में 0.3 प्रतिशत थी। इसका कारण खाद्य और पेय पदार्थों में अपस्फीति का कम होना है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि बारिश के कारण उत्पन्न रुकावटों के बाद, आने वाले महीनों में खनन एवं निर्माण गतिविधियों के साथ-साथ बिजली की मांग में मौसमी वृद्धि देखने को मिलेगी।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 26 में सीमेंट उत्पादन में 6.5–7.5 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। पिछले कुछ वर्षों में मजबूत वृद्धि के बाद, स्टील की मांग में वृद्धि कम होकर 7–8 प्रतिशत तक पहुंच सकती है।