क्या वित्त वर्ष 2026 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.4 प्रतिशत तक पहुंचेगी?

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क्या वित्त वर्ष 2026 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.4 प्रतिशत तक पहुंचेगी?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि भारत की जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2026 में 7.4 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है? जानें इस रिपोर्ट में क्या है खास और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • जीडीपी ग्रोथ: 7.4 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान।
  • आर्थिक विकास: पहले छह महीने में 8 प्रतिशत की संभावना।
  • बाहरी चुनौतियां: कमजोर निर्यात का असर।
  • सरकारी नीतियाँ: आर्थिक सहायता में सहायक।
  • महंगाई: कम रहने से खर्च का दबाव घटा।

नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की आर्थिक वृद्धि में तेजी की उम्मीद है, और देश की जीडीपी ग्रोथ 7.4 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है, जो कि पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की अनुमानित 6.5 प्रतिशत ग्रोथ से अधिक है।

मंगलवार को जारी हुई आईसीआरए लिमिटेड की रिपोर्ट में बताया गया है कि चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में आर्थिक विकास मजबूत बना रह सकता है। इस दौरान जीडीपी ग्रोथ करीब 8 प्रतिशत तक पहुंच सकती है।

हालांकि, साल के दूसरे हिस्से में विकास की गति थोड़ी धीमी हो सकती है, और यह 7 प्रतिशत से नीचे आ सकती है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बाहरी चुनौतियां, विशेषकर कमजोर निर्यात, आगे चलकर अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकती हैं, जब तक कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौता नहीं हो जाता।

आईसीआरए के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियां सकारात्मक रहीं। त्योहारी सीजन में मांग में वृद्धि और जीएसटी दरों में कटौती से उपभोक्ताओं की खरीदारी बढ़ी है।

आने वाले महीनों में खनन, निर्माण, और बिजली की मांग में वृद्धि की उम्मीद है। बारिश के कारण पहले कुछ समय में इन क्षेत्रों में समस्याएं आई थीं, लेकिन अब हालात में सुधार की संभावना है।

हालांकि, निर्यात में गिरावट साल के दूसरे हिस्से में और बढ़ सकती है, जिससे आर्थिक विकास पर दबाव पड़ सकता है।

आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि 2025 में आर्थिक विकास उम्मीद से बेहतर रहा है, जिसका मुख्य कारण सरकार की मजबूत नीतिगत सहायता है।

उन्होंने बताया कि आयकर में राहत, जीएसटी दरों में बदलाव, और रेपो रेट में कुल 1.25 प्रतिशत (125 बेसिस पॉइंट) की कटौती जैसे कदमों से मांग को सहारा मिला।

महंगाई में कमी के कारण परिवारों पर खर्च का दबाव घटा और अच्छी मानसून बारिश से खेती को लाभ मिला।

हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि बाहरी मोर्चे पर चिंताएं अभी बनी हुई हैं और यदि अमेरिका के साथ व्यापार समझौता जल्द नहीं होता है, तो इसका असर भविष्य में विकास पर पड़ सकता है।

Point of View

लेकिन बाहरी चुनौतियों का सामना करना होगा। हमें सतर्क रहना चाहिए और सरकार की नीतियों का समर्थन करना चाहिए।
NationPress
30/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत की जीडीपी ग्रोथ कब तक बढ़ने की संभावना है?
वित्त वर्ष 2026 में जीडीपी ग्रोथ 7.4 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है।
आईसीआरए रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
आईसीआरए रिपोर्ट में आर्थिक विकास के पहले छह महीनों में मजबूती की उम्मीद जताई गई है।
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