क्या आपकी आंखों की देखभाल के लिए ये चार आयुर्वेदिक तरीके प्रभावी हैं?
सारांश
Key Takeaways
- आई पामिंग: आंखों की थकान को कम करता है।
- त्राटक: आंखों की रोशनी में सुधार करता है।
- गीले कॉटन पैड: तनाव और सूजन को कम करता है।
- भाप लेना: आंखों को ताजगी और आराम प्रदान करता है।
नई दिल्ली, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बढ़ते प्रदूषण और सर्द हवाओं के कारण पूरे शरीर की देखभाल करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है, और इस मौसम में आंखों की देखभाल भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
सर्द हवाएं आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे आंखों में जलन, पानी आना और पलकें चिपचिपी हो जाती हैं। इस समस्या से निपटने के लिए आयुष मंत्रालय ने आंखों की देखभाल के चार प्रभावी तरीके साझा किए हैं।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, आंखों की देखभाल के लिए चार उपाय बताए गए हैं जिनमें मोमबत्ती और कॉटन पैड का उपयोग करके आंखों को आराम दिया जा सकता है। पहला उपाय है आई पामिंग। इस विधि में, दोनों हाथों की हथेलियों को आपस में रगड़कर गर्म किया जाता है और फिर आंखों पर लगाया जाता है। इससे आंखों की थकान कम होती है और उन्हें आराम मिलता है। लगातार स्क्रीन पर देखने से आंखों की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है, इस दबाव को कम करने के लिए आई पामिंग एक बेहतरीन उपाय है।
दूसरा उपाय है त्राटक। यह एक अभ्यास है जिसका उद्देश्य आंखों की रोशनी में सुधार, आंखों की सफाई और नमी को लौटाना है। इस अभ्यास में, एक मोमबत्ती को कुछ दूरी पर रखा जाता है, और उसकी लौ को बिना पलक झपकाए देखा जाता है। इससे आंखों की आंतरिक स्पष्टता बढ़ती है।
तीसरा उपाय है गीले कॉटन पैड का इस्तेमाल। यह उपाय आंखों के तनाव को कम करने और सिरदर्द में राहत पाने के लिए किया जाता है। इसमें, रूई को चपटा कर ठंडे पानी या गुलाब जल में भिगोकर कुछ देर के लिए आंखों पर रखा जाता है। इसके स्थान पर, कुछ लोग खीरे के टुकड़ों का भी इस्तेमाल करते हैं, जो आंखों के नीचे सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
चौथा उपाय है भाप लेना। सर्दियों में कुछ लोगों को सुबह आंखें खोलने में कठिनाई होती है क्योंकि आंखों की गंदगी पलकों पर चिपक जाती है। हल्की भाप के माध्यम से आंखों को ताजगी मिलती है। इससे पलके चिपकती नहीं हैं, लेकिन ध्यान दें कि अधिक भाप लेने से बचें क्योंकि यह ड्राइनेस को बढ़ा सकती है।