क्या रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड्स का एयूएम पांच वर्षों में 226 प्रतिशत बढ़ा?

Click to start listening
क्या रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड्स का एयूएम पांच वर्षों में 226 प्रतिशत बढ़ा?

सारांश

रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड्स के एयूएम में अद्भुत वृद्धि हुई है। यह रिपोर्ट बताती है कि पिछले पांच वर्षों में यह 226.25% बढ़कर 31,973 करोड़ रुपए हो गया है। जानें इसके पीछे की वजहें और निवेशकों के लिए क्या खास है।

Key Takeaways

  • रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड्स का एयूएम 226.25% बढ़ा है।
  • रिटायरमेंट केंद्रित फोलियो की संख्या 30.09 लाख हो गई है।
  • इन फंड्स का औसत चक्रवृद्धि वार्षिक रिटर्न 14.64% प्रतिशत है।
  • पारदर्शिता और निवेशक सुरक्षा में सुधार किया गया है।
  • डिजिटल उपकरणों से निवेश को आसान बनाया गया है।

मुंबई, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड्स का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) पिछले पांच वर्षों में 226.25 प्रतिशत की वृद्धि के साथ जून 2025 तक 31,973 करोड़ रुपए तक पहुँच गया है, जबकि जून 2020 में यह 9,800 करोड़ रुपए था।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की रिपोर्ट के अनुसार, "निवेशकों की सुरक्षा के लिए पारदर्शिता और नियमों में सुधार ने रिटायरमेंट-केंद्रित म्यूचुअल फंड में निवेशकों का विश्वास बढ़ाने में मदद की है।"

रिपोर्ट में बताया गया है कि फाइनेंशियल प्लानिंग के प्रति बढ़ती जागरूकता और रिटायरमेंट के लिए अधिक धन एकत्र करने की इच्छा, उच्च जीवन प्रत्याशा और बढ़ती स्वास्थ्य देखभाल लागत के चलते, भारत में वृद्ध होती जनसंख्या म्यूचुअल फंड तथा अन्य रिटायरमेंट-केंद्रित निवेश उत्पादों की ओर आकर्षित हो रही है।

रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड विशेष प्रकार की म्यूचुअल फंड योजना होती है, जो रिटायरमेंट के लिए धन जमा करने पर केंद्रित होती है।

आईसीआरए एनालिटिक्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और बाजार डेटा प्रमुख अश्विनी कुमार ने कहा, "बाजार में सुधार और वृद्धि के प्रति आशावाद के कारण इक्विटी म्यूचुअल फंडों में काफी निवेश हुआ है। यह लंबी अवधि के रिटायरमेंट-केंद्रित म्यूचुअल फंड्स के लिए भी लाभकारी है।"

उन्होंने आगे कहा कि पारदर्शिता और निवेशक सुरक्षा के नियमों ने रिटायरमेंट के लिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश के लिए निवेशकों के आत्मविश्वास को बढ़ाया है।

रिपोर्ट के अनुसार, रिटायरमेंट-केंद्रित म्यूचुअल फंड्स में कुल फोलियो की संख्या जून 2025 में 18.21 प्रतिशत बढ़कर 30.09 लाख हो गई है, जो जून 2020 में 25.46 लाख थी।

रिटायरमेंट केंद्रित म्यूचुअल फंड्स की संख्या भी जून 2025 में बढ़कर 29 हो गई है, जो जून 2020 में 24 थी।

रिपोर्ट में बताया गया कि इन फंड्स पर औसत चक्रवृद्धि वार्षिक रिटर्न क्रमशः 1 वर्ष, 3 वर्ष और 5 वर्ष की अवधि के लिए 6.79 प्रतिशत, 15.72 प्रतिशत और 14.64 प्रतिशत रहा।

रिटायरमेंट फंड म्यूचुअल फंड दोनों, डेट और इक्विटी में निवेश करते हैं। डेट सेगमेंट स्थिरता और धन संरक्षण की गारंटी देता है, जबकि इक्विटी सेगमेंट धन वृद्धि को बढ़ावा देता है।

रिपोर्ट के अनुसार, इन फंडों की लॉक-इन अवधि पांच वर्ष या रिटायरमेंट तक होती है और ये रिटायरमेंट के बाद नियमित मासिक आय न होने पर आय का एक निरंतर प्रवाह प्रदान करने में मदद करते हैं।

रिपोर्ट में बताया गया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म और रोबो-सलाहकारों के उदय ने रिटायरमेंट निवेश को और अधिक सरल बना दिया है।

कुमार ने आगे कहा, "ये उपकरण उम्र, जोखिम सहनशीलता और सेवानिवृत्ति लक्ष्यों के आधार पर व्यक्तिगत पोर्टफोलियो सुझाव प्रदान करते हैं, जिससे अधिक भागीदारी को बढ़ावा मिलता है।"

Point of View

जिससे निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और स्थायी वित्तीय भविष्य की संभावना बन रही है। सरकार और नियामक संस्थाएं इस दिशा में कदम उठा रही हैं, जिससे रिटायरमेंट के बाद की चिंता कम हो सके।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड्स क्या होते हैं?
रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड्स विशेष प्रकार की म्यूचुअल फंड योजना होती है जो रिटायरमेंट के लिए धन एकत्रित करने पर केंद्रित होती है।
इन फंड्स का एयूएम कितना बढ़ा है?
पिछले पांच वर्षों में इन फंड्स का एयूएम 226.25% बढ़कर 31,973 करोड़ रुपए हो गया है।
इन फंड्स में निवेश करने का लाभ क्या है?
इन फंड्स में निवेश से रिटायरमेंट के बाद नियमित आय का एक निरंतर प्रवाह प्राप्त होता है।
रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड्स की औसत रिटर्न क्या है?
इन फंड्स पर औसत चक्रवृद्धि वार्षिक रिटर्न क्रमशः 6.79%, 15.72% और 14.64% प्रतिशत रहा है।
रिटायरमेंट फंड्स में निवेश करने के लिए क्या शर्तें हैं?
इन फंड्स की लॉक-इन अवधि आमतौर पर पांच वर्ष या रिटायरमेंट तक होती है।