क्या दिल्ली की जनता की भलाई के लिए सरकार जल्दी पेश करेगी ईवी पॉलिसी?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली की नई ईवी पॉलिसी का उद्देश्य प्रदूषण को कम करना है।
- यह पॉलिसी जनता के हित में बनाई जा रही है।
- पंकज कुमार सिंह ने ईवी रजिस्ट्रेशन की बढ़ती संख्या पर प्रकाश डाला।
- भाजपा सरकार ने 3,518 इलेक्ट्रिक बसें शुरू की हैं।
- यह पॉलिसी स्वच्छ हवा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नई दिल्ली, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में प्रदूषण की बढ़ती समस्या को लेकर आम आदमी पार्टी ने भाजपा की दिल्ली सरकार को घेर रखा है। इस बीच, भाजपा सरकार ने जनहित में जनवरी 2026 तक इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) पॉलिसी लाने की घोषणा की है। सरकार का दावा है कि इससे जनता को स्वच्छ हवा प्राप्त होगी।
दिल्ली सरकार में मंत्री पंकज कुमार सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यह ईवी पॉलिसी जल्द ही पेश की जाएगी। हम इसे अगले 15 दिनों में सार्वजनिक रूप से जारी करने की योजना बना रहे हैं, और हमारी पूरी कोशिश है कि यह जनवरी तक लागू हो जाए। मैं दिल्लीवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि यह पॉलिसी उनके हित में बनाई जा रही है।
पंकज कुमार सिंह ने कहा, "दिल्ली के परिवहन क्षेत्र में लगभग 20 से 25 प्रतिशत प्रदूषण होता है। पिछली सरकार में 80,000 से अधिक ईवी रजिस्टर्ड हुए थे, जबकि हमारी सरकार में फरवरी से दिसंबर तक एक लाख से अधिक ईवी वाहन रजिस्टर्ड हो चुके हैं। पिछली सरकार में ईवी को आगे बढ़ाने के लिए कोई सब्सिडी नहीं दी गई थी। करोड़ों रुपए की सब्सिडी दिल्ली के नागरिकों को नहीं मिल पाई।"
उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार जल्द ही दिल्ली के लिए ईवी पॉलिसी लाने वाली है, ताकि दिल्ली की जनता को लाभ मिले और हवा साफ-सुथरी बनी रहे।
भाजपा सरकार के तहत अब तक 3,518 इलेक्ट्रिक बसें शुरू की जा चुकी हैं। हम इन ईवी बसों की संख्या मार्च 2026 तक 7,000 से अधिक करने का लक्ष्य रख रहे हैं।
दिल्ली सरकार के मंत्री ने कहा कि प्रदूषण को लेकर पिछली सरकार ने केवल माहौल बनाया, लेकिन समस्या को सुलझाने का कार्य भाजपा की सरकार 24 घंटे मेहनत करके कर रही है। हम शॉर्ट-टर्म प्लान नहीं, बल्कि लॉन्ग-टर्म प्लान बनाते हैं। जब सभी पॉलिसी जमीनी स्तर पर लागू होंगी, तो प्रदूषण में कमी आएगी।
उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर ट्रैफिक हॉटस्पॉट प्रबंधन पर काम किया जा रहा है। अस्पतालों को भी एडवाइजरी जारी की गई है। सांस की बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के लिए अतिरिक्त डॉक्टरों और दवाओं का इंतजाम किया गया है। जो मरीज सांस की समस्याओं के साथ आ रहे हैं, उन्हें तुरंत और सही इलाज दिया जा रहा है।