क्या इन्फोसिस के एडीआर में तकनीकी गड़बड़ी के कारण आई 50 प्रतिशत तेजी?
सारांश
Key Takeaways
- डेटा गड़बड़ी के कारण हुई 50 प्रतिशत तेजी.
- एल्गोरिदम-संचालित खरीदारी की भूमिका.
- न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग में अस्थिरता.
- माइक्रोसॉफ्ट के साथ रणनीतिक साझेदारी.
- एडीआर की कमजोरियाँ उजागर हुईं.
नई दिल्ली, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इन्फोसिस के अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसिप्ट (एडीआर) में अचानक हुई 50 प्रतिशत वृद्धि के पीछे की वजह तकनीकी खराबी थी। यह जानकारी एक रिपोर्ट में सामने आई है।
रिपोर्ट के अनुसार, डेटा फीड में गड़बड़ी और एल्गोरिदम-संचालित खरीदारी इन्फोसिस के एडीआर में वृद्धि का मुख्य कारण था।
क्रॉनिकल जर्नल में बताया गया है कि 19 दिसंबर 2025 को इन्फोसिस के एडीआर में आई तेजी के पीछे कई फाइनेंशियल डेटा प्लेटफार्मों पर टिकर-मैपिंग एरर होना था, जिससे ऑटोमेटिक ट्रेडिंग सिस्टम में जटिलता उत्पन्न हुई और कम कारोबार वाले शेयर में स्व-पुष्टि करने वाला खरीदारी चक्र शुरू हो गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तेज़ उतार-चढ़ाव के कारण न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में कई बार लिमिट अप-लिमिट डाउन अस्थिरता के कारण ट्रेडिंग रोकनी पड़ी।
इस विसंगति के कारण एल्गोरिथम मॉडल ने इसे मूल्य निर्धारण में असामान्यता के रूप में समझा और आक्रामक खरीद आदेशों को प्रेरित किया, और कम तरलता एवं कम ट्रेडिंग वॉल्यूम ने इस प्रभाव को और बढ़ा दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, एडीआर, जो पिछले सत्र में लगभग 19.18 डॉलर पर बंद हुए थे, बाजार खुलने के कुछ ही मिनटों में 27 डॉलर तक पहुंच गए, जिसके बाद अस्थिरता नियंत्रण उपायों के लागू होने से कीमतें नीचे आ गईं। कंपनी के भारत में सूचीबद्ध शेयरों में ऐसी कोई प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली।
बाजार में आई इस असामान्य स्थिति ने एडीआर की कमजोरियों को उजागर किया, जो घरेलू बाजारों के बंद होने पर व्यापार करते हैं, जिससे सिस्टम अधिक डेटा गलतियों, लिक्विडिटी गैप और ऑटोमेटिक ट्रेडिंग फीडबैक लूप के प्रति संवेदनशील हो जाता है।
इसके अतिरिक्त, दिग्गज अमेरिकी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही में इन्फोसिस सहित आईटी कंपनियों के साथ रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है, जिसके तहत 50,000 से अधिक माइक्रोसॉफ्ट कोपायलट लाइसेंस तैनात किए जाएंगे। इससे कुल लाइसेंसों की संख्या 2,00,000 से अधिक हो जाएगी और एजेंटिक एआई को अपनाने की गति तेज होगी।