क्या रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना एक ऐतिहासिक कदम है?

सारांश
Key Takeaways
- युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर।
- एक लाख करोड़ रुपये का बजट।
- 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजन को प्रोत्साहन।
- गुणवत्ता में सुधार के लिए आरएंडडी को बढ़ावा।
- सामाजिक सुरक्षा के साथ आर्थिक आत्मनिर्भरता।
नई दिल्ली, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (एनएफआईटीयू) के ऑल इंडिया महासचिव डॉ. विराट जायसवाल ने बुधवार को रोजगार से संबंधित प्रोत्साहन योजना के बारे में कहा कि यह मोदी सरकार द्वारा उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम है और यह योजना सरकार द्वारा चलाई जा रही दूसरी स्किल-बेस्ड ट्रेनिंग स्कीम्स के साथ मिलकर एक मील का पत्थर साबित होगी।
जायसवाल ने न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "इस योजना के अंतर्गत करीब 1 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिससे लगभग 2 करोड़ नए लोगों को सीधे लाभ मिलेगा। इसके साथ ही, देश में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार के सृजन को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह योजना एम्प्लॉयमेंट इकोसिस्टम के लिए एक गेमचेंजर साबित होगी।"
जायसवाल ने बताया कि मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, टेक्सटाइल और आईटी सेक्टर्स में एंट्री लेवल जॉब्स के लिए युवाओं को सीधा फायदा मिलेगा। यहां तक कि छोटे शहरों, टियर-2 और टियर-3 के युवाओं के लिए भी रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे।
आरएंडडी और इनोवेशन को बढ़ावा देने के संदर्भ में जायसवाल ने कहा, "इस योजना के साथ रिक्रूटर्स के भर्ती प्रक्रिया में कम खर्च होगा, जिससे बचाया गया पैसा कंपनियां रिसर्च एंड डेवलपमेंट, इनोवेशन और नए विचारों पर खर्च कर सकेंगी।"
जायसवाल ने इस योजना को देश के 2047 तक विकसित भारत बनने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम माना है। उन्होंने कहा, "इस योजना से युवाओं को न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक सुरक्षा भी मिलेगी। जब देश का युवा वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर होगा और उसे सामाजिक सुरक्षा भी मिलेगी, तो निश्चित रूप से 'विकसित भारत' बनने की देश की परिकल्पना समय पर पूरी होगी।"
उन्होंने दूसरे क्षेत्रों के लिए भी इस तरह की प्रोत्साहन आधारित योजना को लाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि स्किल डेवलपमेंट और महिला सशक्तीकरण जैसे क्षेत्रों में भी रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन आधारित योजना को लाना चाहिए, जिससे देश को काफी लाभ होगा।