क्या संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद को संबोधित करेंगे।
- इस सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी।
- बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर भी चर्चा होगी।
- सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने की योजना बना रही है।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संसद का मानसून सत्र आज, सोमवार से आरंभ हो रहा है। सत्र के आरंभ से पूर्व, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद को संबोधित करेंगे।
यह मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा और यह कुल 32 दिन तक जारी रहेगा। इस दौरान 21 महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित की जाएंगी।
स्वतंत्रता दिवस के समारोह के लिए, संसद के दोनों सदनों में 12 अगस्त से 17 अगस्त तक अवकाश रहेगा। इसके बाद, सत्र 18 अगस्त से पुनः प्रारंभ होगा।
विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार से स्पष्टीकरण की मांग कर रहा है, जिसमें सबसे प्रमुख ऑपरेशन सिंदूर है। इस पर बहस 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के संदर्भ में हो रही है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी से इस मुद्दे पर स्पष्ट वक्तव्य देने की मांग की है और साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत और पाकिस्तान के बीच शांति मध्यस्थता के दावों पर भी जवाब मांगा है।
सत्र के दौरान, बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर भी चर्चा होने की संभावना है। विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया की पारदर्शिता पर चिंता व्यक्त की है और सरकार पर आरोप लगाया है कि वह आगामी राज्य चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है।
इस सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने की योजना बना रही है, जिनमें जीएसटी सुधार, टैक्सेशन कानून, सार्वजनिक विश्वास नियमन, खेल प्रशासन, और बंदरगाह एवं खनिज संरक्षण से संबंधित प्रस्तावित कानून शामिल हैं।
लोकसभा में नए आयकर विधेयक, 2025 पर संसदीय पैनल की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, संसद में एक न्यायाधीश को हटाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा होने की संभावना है।
संसद सत्र की शुरूआत से पहले रविवार को एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक के बाद, संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने पत्रकारों से कहा, "हम ऑपरेशन सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार हैं। ये राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे हैं। सरकार इनसे पीछे नहीं हट रही है और हमेशा चर्चा के लिए खुली है।"
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के लिए नियम और परंपराएं अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।