क्या सरकारी बैंकों ने नए क्रेडिट असेसमेंट मॉडल से 98,995 एमएसएमई लोन आवेदनों को मंजूरी दी?

सारांश
Key Takeaways
- नया क्रेडिट असेसमेंट मॉडल लोन प्रक्रिया को तेज करता है।
- 98,995 लोन आवेदनों को मंजूरी दी गई है।
- यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल है।
- कागजी कार्रवाई में कमी आई है।
- बैंक अब अपनी आंतरिक क्षमताओं का बेहतर उपयोग कर रहे हैं।
नई दिल्ली, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सरकारी बैंकों ने नए क्रेडिट असेसमेंट मॉडल के तहत इस साल 1 अप्रैल से 15 जुलाई के बीच 98,995 एमएसएमई लोन आवेदनों को मंजूरी प्रदान की है। यह जानकारी सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत की गई।
लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि नए डिजिटल क्रेडिट असेसमेंट मॉडल के माध्यम से बैंक लोन पर निर्णय लेने की प्रक्रिया अधिकतम एक दिन में पूरी की जाती है, जिससे मैनुअल तरीकों की तुलना में टर्न अराउंड टाइम (टीएटी) में काफी कमी आती है।
इस मॉडल के लाभों में शामिल हैं: ऑनलाइन माध्यम से आवेदन जमा करना, कागजी कार्रवाई में कमी, शाखा में जाने की आवश्यकता नहीं, डिजिटल माध्यम से तात्कालिक स्वीकृति, लोन प्रस्तावों की निर्बाध प्रोसेसिंग, कम टीएटी, और डेटा एवं लेनदेन व्यवहार के आधार पर लोन निर्णय।
नए मॉडल के तहत, लोन का निर्णय डेट एवं लेनदेन व्यवहार और उधारकर्ता के क्रेडिट इतिहास पर आधारित होता है। इसके अतिरिक्त, लोन के लिए आवेदन प्रस्तुत करना और मूल्यांकन पूरी तरह से डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से होता है, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम होती है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह प्रणाली जनरेटेड क्रेडिट लॉजिक और स्कोरकार्ड का उपयोग कर लोन पात्रता के तेज, पारदर्शी और लक्षित मूल्यांकन को संभव बनाती है।
एमएसएमई के लिए नए डिजिटल क्रेडिट असेसमेंट मॉडल की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में की गई थी। इस मॉडल में यह योजना बनाई गई थी कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बाहरी मूल्यांकन पर निर्भर न रहें, बल्कि एमएसएमई के लोन आवेदन का आंतरिक मूल्यांकन करें।
नए डिजिटल क्रेडिट असेसमेंट मॉडल की शुरूआत से बैंकों के एमएसएमई लोन के लिए बुनियादी पात्रता मानदंडों में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया है।