क्या सेबी ने पीएआरआरवीए प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है जो एक्सपर्ट्स के रिटर्न के दावों को वेरिफाई करेगा?
सारांश
Key Takeaways
- पीएआरआरवीए प्लेटफॉर्म निवेशकों को एक्सपर्ट्स के रिटर्न दावों की सत्यता जांचने में मदद करेगा।
- यह एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा सत्यापन की सुविधा प्रदान करता है।
- सेबी का उद्देश्य पारदर्शिता को बढ़ाना है।
- यह प्लेटफॉर्म प्रारंभ में स्वैच्छिक है।
- भविष्य में फाइनेंसियल लिटरेसी पर ध्यान दिया जाएगा।
नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पीएआरआरवीए (पास्ट रिस्क एंड रिटर्न वेरिफिकेशन एजेंसी) का शुभारंभ किया है। इससे भारत में निवेशक आसानी से एक्सपर्ट्स के पिछले रिटर्न के दावों की पुष्टि कर सकेंगे। यह वैश्विक वित्तीय बाजार में अपनी तरह का पहला प्रयास है, जिसे देखने से बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी। यह जानकारी तुहिन कांत पांडे ने सोमवार को दी।
सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि निवेशकों को पता होना चाहिए कि ब्रोकर्स, एल्गो-ट्रेडर्स, रिसर्च एनालिस्ट और इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स का पिछला प्रदर्शन क्या है। इसीलिए एक स्वतंत्र एजेंसी की जरूरत थी जो इसे सत्यापित कर सके।
उन्होंने आगे कहा कि जैसे-जैसे यह प्रणाली विकसित होगी, इससे निवेशकों को लाभ होगा।
पांडे ने बताया कि यह प्रणाली प्रारंभ में स्वैच्छिक होगी और जो लोग पीएआरआरवीए में शामिल नहीं होंगे, वे सार्वजनिक रूप से अपने पिछले रिटर्न का दावा नहीं कर सकेंगे।
लॉन्च के दौरान सेबी के चेयरमैन ने कहा कि पीएआरआरवीए अनवेरिफाइड और भ्रामक रिटर्न के दावों की समस्याओं को सीधे तौर पर संबोधित करता है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता में वृद्धि होगी।
सेबी ने इसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और केयरएज रेटिंग्स के साथ साझेदारी में लॉन्च किया है। इसके माध्यम से इन्वेस्टमेंट एडवाइजर (आईए), रिसर्च एनालिस्ट (आरए) और अन्य सेबी पंजीकृत संस्थाओं के पिछले रिटर्न के दावों की सत्यापन की जा सकेगी।
सेबी के चेयरमैन ने कहा कि इसमें एक स्वतंत्र संस्था को डेटा सेंटर से जोड़ा जाएगा, जिसमें सभी डेटा होंगे और निष्पक्ष तरीके से सत्यापन किया जाएगा।
फ्यूचर और ऑप्शन पर पांडे ने कहा कि सेबी इस दिशा में कोई भी कदम उठाने से पहले एक परामर्श पत्र लाएगी।
इससे पहले पांडे ने तेजी से बढ़ते डिजिटल फाइनेंशियल लैंडस्केप में फाइनेंशियल लिटरेसी और इन्वेस्टर प्रोटेक्शन की आवश्यकता को बताया था।