क्या सेंसेक्स 555 अंक गिरकर बंद हुआ, और आईटी शेयरों में बिकवाली का क्या असर है?

सारांश
Key Takeaways
- सेंसेक्स में 555 अंक की गिरावट हुई।
- आईटी शेयरों में बिकवाली ने बाजार पर दबाव डाला।
- निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।
- भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में अनिश्चितता बनी हुई है।
- बाजार का रुख भविष्य में अनिश्चित है।
मुंबई, 25 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान के साथ समापन किया। कारोबार समाप्त होने पर सेंसेक्स 555.95 अंक या 0.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,159.68 पर और निफ्टी 166.05 अंक या 0.66 प्रतिशत की कमी के साथ 24,890.85 पर था।
लार्जकैप के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी बिकवाली देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 368.55 अंक या 0.64 प्रतिशत गिरकर 57,555.90 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 102.75 अंक या 0.57 प्रतिशत कमजोर होकर 17,966.80 पर बंद हुआ।
आईटी शेयरों ने बाजार में दबाव डाला, जहां निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। अन्य क्षेत्रों में निफ्टी ऑटो (0.92 प्रतिशत), निफ्टी पीएसयू बैंक (0.52 प्रतिशत), निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज (0.53 प्रतिशत) और निफ्टी रियल्टी (1.65 प्रतिशत) में भी खामी आई। केवल निफ्टी मेटल (0.22 प्रतिशत) और निफ्टी इंडिया डिफेंस (0.67 प्रतिशत) में मजबूती देखी गई।
सेंसेक्स में 30 में से 27 शेयर लाल निशान में बंद हुए।
टॉप लूजर्स में ट्रेंट, पावर ग्रिड, टाटा मोटर्स, टीसीएस, एशियन पेंट्स, एनटीपीसी, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, एमएंडएम, एचसीएल टेक, इटरनल, एलएंडटी, टाइटन और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल थे। जबकि बीईएल, भारती एयरटेल और एक्सिस बैंक ने टॉप गेनर्स के रूप में उभरे।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में अनिश्चितता, विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली और मुनाफा वसूली के कारण बाजार में यह गिरावट आई। ऑटो, आईटी, फार्मा और हेल्थकेयर क्षेत्रों में भारी बिकवाली की गई। भारत के वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी छमाही की उधारी और सप्ताहांत में जारी होने वाले अमेरिकी मैक्रोइकॉनॉमिक आंकड़ों के पहले सतर्कता बनी रही।
शेयर बाजार की शुरुआत हरे निशान में हुई थी। सुबह 9:24 पर सेंसेक्स 61 अंक या 0.08 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,777 और निफ्टी 27 अंक या 0.11 प्रतिशत की मजबूती के साथ 25,084 पर था।