क्या भारत में कंज्यूमर सेक्टर में सुधार के संकेत दिख रहे हैं, आयकर और जीएसटी रेट कटौती का असर होगा?

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क्या भारत में कंज्यूमर सेक्टर में सुधार के संकेत दिख रहे हैं, आयकर और जीएसटी रेट कटौती का असर होगा?

सारांश

भारत के कंज्यूमर सेक्टर में सुधार के संकेत मिल रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं के हाथ में 2-2.5 लाख करोड़ रुपए आने की उम्मीद है। क्या ये उपाय अर्थव्यवस्था को नई गति देंगे? जानिए इस रिपोर्ट में!

Key Takeaways

  • कंज्यूमर सेक्टर में सुधार के संकेत
  • आयकर और जीएसटी में कटौती का प्रभाव
  • उपभोक्ताओं के हाथ में 2-2.5 लाख करोड़ रुपए
  • ग्रामीण मांग में मजबूती
  • खाद्य और पेय कंपनियों को लाभ

नई दिल्ली, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के कंज्यूमर सेक्टर में, शहरी मांग के एक साल से अधिक समय तक कमजोर रहने के बाद, सुधार के संकेत नजर आ रहे हैं। यह जानकारी एक रिपोर्ट में सामने आई है।

एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च के अनुसार, यह सुधार अनुकूल आधार, आयकर में कटौती और जीएसटी रेट में कमी के कारण होने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन उपायों से लगभग २-२.५ लाख करोड़ रुपए सीधे उपभोक्ताओं के हाथ में आएंगे, जो कुल घरेलू खर्च का लगभग २-८ प्रतिशत होगा।

एचएसबीसी ने कहा कि कोरोना के बाद की तेजी के बाद से खपत का माहौल सुस्त रहा है, लेकिन हाल के नीतिगत बदलावों से इस सेक्टर को आवश्यक बढ़ावा मिल सकता है।

सुस्त शहरी मांग में सुधार की उम्मीद है, जबकि बढ़ती वास्तविक मजदूरी से ग्रामीण मांग पहले से ही मजबूत बनी हुई है।

हालांकि, रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि अधिक बचत या ऋण की चुकौती से रिकवरी की गति धीमी हो सकती है।

जीएसटी रेट में कटौती से घरेलू और व्यक्तिगत देखभाल सेगमेंट की तुलना में खाद्य और पेय कंपनियों को अधिक लाभ होने की संभावना है।

छोटे पैक वाले बिस्कुट, नमकीन स्नैक्स और चॉकलेट जैसे उत्पादों की खपत में सीधे बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

वहीं, साबुन और ओरल केयर जैसी श्रेणियों में मांग में केवल एक बार उछाल देखने को मिल सकता है।

इस बीच, इस सप्ताह की शुरुआत में व्यापारियों और व्यवसाय मालिकों ने भी नई जीएसटी व्यवस्था का स्वागत किया और कहा कि ये बदलाव लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाएंगे, आवश्यक वस्तुओं की कीमतें कम करेंगे और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगे।

उन्होंने त्योहारों के मौसम में इन उपायों को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की।

एक ब्रांडेड कपड़ों की दुकान के मालिक एस.के. सरद ने २२ सितंबर को राष्ट्र प्रेस को बताया कि नई जीएसटी व्यवस्था ने सिस्टम को सरल बनाया है और कई टैक्स की पुरानी समस्याओं को ठीक किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने जीएसटी के माध्यम से लगभग ५५ लाख करोड़ रुपए पहले ही एकत्र कर लिए हैं, जिसका उपयोग राष्ट्रीय विकास और रक्षा के लिए किया जा रहा है।

Point of View

बल्कि यह छोटे व्यवसायों को भी नए अवसर प्रदान करेगा। हालांकि, सावधानी बरतने की आवश्यकता है क्योंकि आर्थिक सुधार की गति भविष्य में चुनौतियों का सामना कर सकती है।
NationPress
25/09/2025

Frequently Asked Questions

कंज्यूमर सेक्टर में सुधार के संकेत क्या हैं?
हाल ही में आई रिपोर्ट के अनुसार, आयकर और जीएसटी में कटौती के चलते कंज्यूमर सेक्टर में सुधार के संकेत मिल रहे हैं।
जीएसटी रेट में कटौती का क्या असर होगा?
जीएसटी रेट में कटौती से खाद्य और पेय कंपनियों को अधिक लाभ होगा, जिससे उपभोक्ताओं की खरीदारी बढ़ सकती है।
क्या ग्रामीण मांग भी मजबूत है?
जी हां, बढ़ती वास्तविक मजदूरी से ग्रामीण मांग पहले से ही मजबूत बनी हुई है।
इन उपायों का कुल घरेलू खर्च पर क्या असर पड़ेगा?
इन उपायों से लगभग 2-2.5 लाख करोड़ रुपए सीधे उपभोक्ताओं के हाथ में आएंगे, जो कुल घरेलू खर्च का करीब 2-8 प्रतिशत होगा।
क्या रिपोर्ट में कोई चेतावनी दी गई है?
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अधिक बचत या ऋण चुकौती से रिकवरी की गति धीमी हो सकती है।