क्या सेंसेक्स 572 अंक गिरकर बंद हुआ है? रियल्टी इंडेक्स 4 प्रतिशत से अधिक फिसला

सारांश
Key Takeaways
- सोमवार को सेंसेक्स में 572 अंक की गिरावट आई।
- निफ्टी ने भी 156 अंक की कमी दर्ज की।
- रियल्टी शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखी गई।
- विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक बाजार सकारात्मक हैं।
- बाजार की दिशा तय करने में मौद्रिक नीति निर्णय महत्वपूर्ण होंगे।
मुंबई, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय शेयर बाजार ने सोमवार को गंभीर गिरावट का सामना किया। अधिकांश बाजार सूचकांक लाल निशान में समाप्त हुए। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 572.07 अंक या 0.70 प्रतिशत की कमी के साथ 80,891.02 पर और निफ्टी 156.10 अंक या 0.63 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 24,680.90 पर बंद हुआ।
लार्जकैप के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप भी गिरावट का सामना कर रहे थे। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 490.10 अंक या 0.84 प्रतिशत की कमी के साथ 57,519.35 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 229.70 अंक या 1.26 प्रतिशत की कमी के साथ 18,064.75 पर बंद हुआ।
कारोबारी सत्र में रियल्टी शेयरों में बड़ी गिरावट देखी गई, जिससे निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 4.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। पीएसयू बैंक, मीडिया, मेटल, प्राइवेट बैंक और पीएसई ने भी महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की। केवल फार्मा, एफएमसीजी और हेल्थकेयर ही हरे निशान में बंद हुए।
सेंसेक्स पैक में एचयूएल, एशियन पेंट्स, आईसीआईसीआई बैंक, पावर ग्रिड, एचडीएफसी बैंक, आईटीसी और इन्फोसिस शीर्ष लाभकारी रहे। वहीं कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल, टाइटन, टीसीएस, बीईएल, एचसीएल टेक, एक्सिस बैंक, एसबीआई और एमएंडएम शीर्ष नुकसान में रहे।
व्यापक बाजार में गिरावट का रुझान देखने को मिला। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,256 शेयर हरे निशान में, 2,881 शेयर लाल निशान में और 162 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए।
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि पहली तिमाही के निराशाजनक नतीजों, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में देरी और लगातार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी के कारण घरेलू बाजार की धारणा सतर्क बनी हुई है। इसके विपरीत, वैश्विक बाजार मोटे तौर पर सकारात्मक बने हुए हैं, जिन्हें अमेरिका-यूरोपीय संघ के व्यापारिक घटनाक्रमों का समर्थन प्राप्त है और अनुमान से कम चिंताजनक माना जा रहा है। फेड और बैंक ऑफ जापान के आगामी मौद्रिक नीति निर्णयों के साथ-साथ घरेलू तिमाही आय की दिशा, निकट भविष्य में बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।