क्या मिश्रित वैश्विक संकेतों के कारण शेयर बाजार में गिरावट आई?

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क्या मिश्रित वैश्विक संकेतों के कारण शेयर बाजार में गिरावट आई?

सारांश

आज भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत लाल निशान में हुई है। क्या यह वैश्विक संकेतों का असर है? जानिए क्या हैं बाजार के वर्तमान हालात और निवेशकों के लिए क्या हो सकता है भविष्य।

Key Takeaways

  • सेंसेक्स 139 अंक गिरा है।
  • निफ्टी 58 अंक की कमजोरी के साथ खुला।
  • मिश्रित वैश्विक संकेतों का असर है।
  • बाजार को सकारात्मक ट्रिगर्स की जरूरत है।
  • विदेशी निवेशक खरीदारी कर रहे हैं।

मुंबई, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मिश्रित वैश्विक संकेतों के चलते भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत लाल निशान में हुई। सुबह 9:46 बजे सेंसेक्स 139 अंक या 0.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 82,431 और निफ्टी 58 अंक या 0.23 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,137 पर था।

शुरुआती कारोबार में मिडकैप और स्मॉलकैप में सपाट कारोबार हो रहा था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 6 अंक की मामूली गिरावट के साथ 59,605 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 14 अंक की कमजोरी के साथ 19,120 पर था।

सेक्टोरल आधार पर आईटी, पीएसयू बैंक, रियल्टी, मीडिया और सर्विसेज इंडेक्स हरे निशान में थे। ऑटो, फार्मा, एफएमसीजी, एनर्जी, इन्फ्रा, पीएसई और कमोडिटी में दबाव के साथ कारोबार हो रहा था।

सेंसेक्स पैक में अदाणी पोर्ट्स, ट्रेंट, टेक महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, इंफोसिस, आईटीसी, एचसीएल टेक और बीईएल टॉप गेनर्स थे। महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, इटरनल, टीसीएस और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप लूजर्स थे।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी.के. विजयकुमार ने कहा, "पिछले दो महीनों से बाजार एक सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है। इस दायरे के ऊपरी बैंड से ऊपर, यानी निफ्टी 25500 से आगे, ब्रेकआउट के लिए सकारात्मक ट्रिगर्स की आवश्यकता होती है।"

उन्होंने आगे कहा, "ऐसा ट्रिगर भारत-अमेरिका व्यापार समझौते से आ सकता है, जिसमें भारत पर लगभग 20 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। अगर ऐसा होता है, तो क्या इससे बाजार में बड़ी तेजी आ सकती है? इसकी संभावना कम है। बाजार में बड़ी तेजी के लिए मजबूत आय सीजन के समर्थन की आवश्यकता है।"

अंतर्राष्ट्रीय बाजारों का रुख मिला-जुला रहा। टोक्यो, हांगकांग, जकार्ता और बैंकॉक हरे निशान में थे। शंघाई और सियोल लाल निशान में थे। अमेरिका में प्रमुख सूचकांक डाउ जोंस सोमवार को 0.98 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने दो दिनों से जारी बिकवाली का सिलसिला तोड़ दिया और 15 जुलाई को 120 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीदारी की। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने लगातार सातवें सत्र में अपनी खरीदारी का सिलसिला जारी रखा और मंगलवार को 1,555 करोड़ रुपए का निवेश किया।

Point of View

मैं मानता हूँ कि वर्तमान बाजार परिस्थिति विदेशी संकेतों और घरेलू निवेशकों की गतिविधियों का परिणाम है। हमें सावधानी पूर्वक निवेश करना चाहिए और बाजार की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

बाजार में गिरावट का मुख्य कारण क्या है?
मिश्रित वैश्विक संकेतों का असर है।
क्या विदेशी निवेशकों ने बिक्री की?
नहीं, उन्होंने 120 करोड़ की शुद्ध खरीदारी की।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
वर्तमान परिस्थिति में सावधानी से निवेश करें।