क्या शुभांशु शुक्ला के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचने से उनके टीचर्स खुश हैं?

Click to start listening
क्या शुभांशु शुक्ला के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचने से उनके टीचर्स खुश हैं?

सारांश

शुभांशु शुक्ला ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुँचकर एक नई उपलब्धि हासिल की है। उनके शिक्षकों ने उनकी मेहनत और अनुशासन की तारीफ की है। यह कहानी सिर्फ एक छात्र की नहीं, बल्कि एक प्रेरणा की है जो हमें अपने सपनों को पूरा करने की प्रेरणा देती है।

Key Takeaways

  • शुभांशु शुक्ला ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुँचकर एक नई उपलब्धि हासिल की।
  • उनके टीचर्स ने उनकी मेहनत और अनुशासन की प्रशंसा की।
  • यह कहानी हमें अपने सपनों को पूरा करने की प्रेरणा देती है।

नई दिल्ली, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। शुभांशु शुक्ला का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुँचना निश्चित रूप से एक गर्व का क्षण है। उनके विद्यालय के शिक्षकों ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि शुभांशु एक अनुशासित और केंद्रित छात्र था।

शुक्ला की शिक्षिका सुनीता पांडे ने बताया, “मैं अक्सर उनसे संवाद करती थी। वह बहुत ही केंद्रित और अनुशासित थे। हो सकता है कि अंतरिक्ष में जाना उनका प्रारंभिक सपना न रहा हो, लेकिन मेरा मानना है कि एनडीए में रहने के दौरान यह सपना विकसित हुआ। वह फुटबॉल में भी बहुत अच्छे थे। मुझे गर्व है कि शुभांशु ने यह महान उपलब्धि हासिल की है।”

उनकी एक अन्य शिक्षिका श्वेता सक्सेना ने कहा कि शुभांशु हमेशा कक्षा में शीर्ष 10 में आते थे और उनका पसंदीदा विषय विज्ञान था, यही कारण है कि उन्होंने कक्षा 12 के लिए पीसीएम चुना।

41 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद, भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने गुरुवार को सफलतापूर्वक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर पहुँचकर पहले भारतीय बनने का गौरव प्राप्त किया। लखनऊ में जन्मे शुक्ला, 1984 में राकेश शर्मा की उड़ान के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं।

स्पेस किड्ज इंडिया की संस्थापक और सीईओ डॉ. श्रीमती केसन ने कहा, "हम किसी भी सो-कॉल्ड महाशक्ति के बराबर हैं। तकनीक में, हम अपने चंद्रयान-3 के साथ दक्षिणी ध्रुव पर उतरे हैं और आज, मानव अंतरिक्ष उड़ान के साथ हम फिर से इतिहास बना रहे हैं।"

केसन ने आगे कहा, "हम नहीं जानते कि वह गगनयान मिशन के कमांडर होंगे या नहीं, लेकिन आज के समय में, वह एक हीरो हैं। वह हमें वह ज्ञान और जानकारी लाने जा रहे हैं, जिसकी हमें अपने गगनयान मिशन के लिए आवश्यकता थी। इसलिए, हम सभी बहुत खुश और उत्साहित हैं।"

शुक्ला के साथ अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के तीन अन्य लोगों को लेकर एक्सिओम स्पेस का मिशन-4, भारतीय समयानुसार शाम 4 बजकर 1 मिनट पर हार्मनी मॉड्यूल के अंतरिक्ष-सामने वाले पोर्ट पर पहुँचा।

डॉकिंग की पुष्टि के लिए स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें लिखा था, "डॉकिंग कंफर्म्ड"।

अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन ने भी एक पोस्ट में लिखा, "स्पेसएक्स ड्रैगन पर सवार एक्सिओम मिशन 4 आज सुबह 6:31 बजे ईस्टर्न टाइम पर स्टेशन पहुंचा। जल्द ही एक्स-4 अंतरिक्ष यात्री हैच खोलेंगे।"

Point of View

यह कहना उचित होगा कि शुभांशु शुक्ला की सफलता हमारे देश के लिए गर्व का विषय है। यह उपलब्धि न केवल व्यक्तिगत है, बल्कि यह भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमताओं का भी प्रतीक है। हमें ऐसे युवाओं पर गर्व है जो अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं।
NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

शुभांशु शुक्ला कौन हैं?
शुभांशु शुक्ला एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं जिन्होंने हाल ही में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुँचकर एक नई उपलब्धि हासिल की।
उनके शिक्षक उनके बारे में क्या कहते हैं?
उनके शिक्षक कहते हैं कि शुभांशु एक अनुशासित और केंद्रित छात्र थे, जो हमेशा अपने अध्ययन में अव्‍वल थे।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुँचने के बाद शुभांशु की क्या प्रतिक्रिया थी?
शुभांशु ने अपनी उपलब्धि पर गर्व महसूस किया और इसे अपने देश के लिए एक महत्वपूर्ण पल बताया।