क्या पीली धातु 'सोना' रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है, और चांदी भी 14 वर्ष के उच्चतम स्तर पर है?

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क्या पीली धातु 'सोना' रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है, और चांदी भी 14 वर्ष के उच्चतम स्तर पर है?

Key Takeaways

  • सोने की कीमतें 1,10,047 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुँच गईं।
  • चांदी 14 वर्ष के उच्चतम स्तर पर है।
  • यूएस लेबर मार्केट के आंकड़ों ने ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ाई हैं।
  • डॉलर सूचकांक में गिरावट ने भी कीमतों को प्रभावित किया है।
  • भारत के गोल्ड ईटीएफ में निवेश में वृद्धि हुई है।

नई दिल्ली, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी डॉलर में गिरावट के बीच, कीमती धातुओं में वैश्विक रैली के कारण मंगलवार को घरेलू बाज़ार में सोने और चांदी की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुँच गईं। यह बढ़ोतरी यूएस लेबर मार्केट के निराशाजनक आंकड़ों से प्रेरित है, जिसने फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना को बढ़ावा दिया।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, सोने की कीमतें सर्वकालिक उच्च पर पहुँच गईं, जबकि चांदी 14 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। एमसीएक्स पर, दिसंबर डिलीवरी के लिए सोने का वायदा भाव 458 रुपए या 0.41 प्रतिशत बढ़कर 1,10,047 रुपए प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च पर पहुँच गया।

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के अनुसार, भारत में 24 कैरेट सोने की कीमत मंगलवार को 10,804 रुपए प्रति ग्राम दर्ज की गई।

अगस्त में यूएस नॉन-फार्म पेरोल्स में कर्मचारियों की संख्या में केवल 22,000 की वृद्धि हुई, जो 75,000 के अनुमान से काफी कम है। इस महीने बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3 प्रतिशत हो गई।

कमजोर रोजगार आंकड़ों ने इस वर्ष फेड द्वारा ब्याज दरों में 75 आधार अंकों की कटौती की संभावना को मजबूती दी है।

डॉलर सूचकांक के छह हफ्ते के निचले स्तर पर पहुँचने और अमेरिका के 10-ईयर ट्रेजरी यील्ड में गिरावट ने इस तेजी को बढ़ावा दिया।

अब अमेरिका में निवेशक दो प्रमुख मुद्रास्फीति रिपोर्टों का इंतज़ार कर रहे हैं, जो यह निर्धारित कर सकती हैं कि फेडरल रिजर्व के नीति निर्माता अगले हफ्ते किस फैसले पर पहुँच सकते हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा तेजी टैरिफ मुद्रास्फीति से संबंधित चिंताओं और इलेक्ट्रिक वाहनों तथा सौर ऊर्जा से चाँदी की बढ़ती औद्योगिक माँग से भी जुड़ी है।

बाजार के अनुमान के मुताबिक, 17 सितंबर को होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की 91 प्रतिशत संभावना है।

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के कमोडिटीज वीपी राहुल कलंत्री ने कहा, "तकनीकी दृष्टि से सोने को 1,08,040-1,07,640 रुपए के स्तर पर समर्थन और 1,08,950-1,09,450 रुपए के स्तर पर प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है, जबकि चांदी को 1,24,750-1,23,950 रुपए के स्तर पर समर्थन और 1,26,350-1,27,150 रुपए के स्तर पर प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है।"

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के डेटा के अनुसार, भारत के गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में अगस्त 2025 में 23.3 करोड़ डॉलर का शुद्ध निवेश हुआ, जो जुलाई में दर्ज 13.9 करोड़ डॉलर से 67 प्रतिशत अधिक है।

Point of View

जो आर्थिक अस्थिरता के समय में एक सुरक्षित विकल्प है। हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि यह रैली स्थायी है या अस्थायी।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

सोने और चांदी की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
सोने और चांदी की कीमतें अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के चलते बढ़ रही हैं।
क्या यह वृद्धि स्थायी है?
यह वृद्धि बाजार की वर्तमान स्थितियों पर निर्भर करती है, लेकिन अगर बेरोजगारी दर और मुद्रास्फीति की दरें बढ़ती हैं, तो यह स्थायी हो सकती है।
क्या निवेशकों को अब सोने में निवेश करना चाहिए?
विश्लेषकों का मानना है कि यह समय निवेश के लिए उपयुक्त हो सकता है, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।