क्या आपको सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचना चाहिए? जीएसटी की सच्ची जानकारी के लिए केवल सरकारी नोटिफिकेशन पर भरोसा करें: सीबीआईसी
सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी पर सही जानकारी के लिए केवल सरकारी नोटिफिकेशन पर भरोसा करें।
- सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहें निराधार हैं।
- 22 सितंबर से नए जीएसटी सुधार लागू होंगे।
- टैक्स स्लैब कम किए गए हैं और अब केवल दो हैं।
- उपभोग वस्तुओं पर टैक्स में कमी की गई है।
नई दिल्ली, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने रविवार को सामान्य जनता, व्यापारियों और अन्य पक्षों से अनुरोध किया कि जीएसटी पर सही जानकारी प्राप्त करने के लिए केवल सरकारी द्वारा जारी नोटिफिकेशन का ही सहारा लें।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में सीबीआईसी ने कहा, "हमें जानकारी मिली है कि सोशल मीडिया पर सीबीआईसी के अध्यक्ष के संदर्भ में एक अनौपचारिक संदेश तेजी से फैलाया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि जीएसटी के अंतर्गत कुछ ट्रांजिशन बेनिफिट्स जैसे अप्रयुक्त सेस क्रेडिट, छूट प्राप्त आपूर्ति का आईटीसी और नए प्राइस एडजस्टमेंट प्रावधान आदि 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी होंगे।"
सीबीआईसी ने स्पष्ट किया कि ये दावे पूरी तरह से निराधार और भ्रामक हैं।
बयान में आगे कहा गया है कि हम आम जनता, व्यापारियों और अन्य पक्षों से अनुरोध करना चाहते हैं कि जीएसटी को समझने के लिए केवल सरकारी नोटिफिकेशन, सर्कुलर और एफएक्यू का ही सहारा लें।
सरकार ने अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की घोषणा की है, जिसमें टैक्स स्लैब को घटाकर केवल दो - 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि पहले चार स्लैब - 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत थे। इसके साथ ही कई उत्पादों पर टैक्स में कमी की गई है। ये नए सुधार 22 सितंबर से लागू होंगे।
बर्नस्टीन की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में किए गए जीएसटी सुधारों से भारत में उपभोग में तेजी देखी जाएगी, जिससे फुटवियर, एफएमसीजी, परिधान और क्विक सर्विस रेस्तरां (क्यूएसआर) उद्योग को लाभ होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी सुधारों में सबसे बड़ा आश्चर्य निजी उपभोग और घरेलू उपभोग की वस्तुओं जैसे साबुन, शैंपू, हेयर ऑयल, पाउडर और टूथपेस्ट पर टैक्स में भारी कमी थी। इन उत्पादों पर टैक्स 12-18 प्रतिशत से घटाकर केवल 5 प्रतिशत किया गया है।